अगस्त में बारिश के बावजूद मुंबई में घर खरीदारों की कमी नहीं रही। मुंबई नगरपालिका क्षेत्र में संपत्तियों (प्रॉपर्टी) का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) अगस्त, 2022 में सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़कर 8,100 इकाइयों से अधिक रहा। अगस्त महीने में होने वाले पंजीकरण का यह आंकड़ा 10 साल में सबसे अधिक है। हालांकि जुलाई की तुलना में पंजीकरण में 28 फीसदी की गिरावट आई है। जुलाई में 11 हजार से ज्यादा संपत्तियों का सौदा हुआ था। संपत्ति सलाहकार नाईट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में कहा कि मुंबई शहर (बीएमसी) क्षेत्र में अगस्त, 2022 के दौरान 8,149 इकाइयां संपत्ति बिक्री के लिए पंजीकृत हुईं। इससे राज्य को 620 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिला। पिछले महीने 11,340 इकाइयों का पंजीकरण हुआ था। अगस्त, 2022 संपत्ति बिक्री पंजीकरण के मामले में पिछले एक दशक में सबसे अच्छा महीना रहा है। अगस्त 2021 में 6,784 और अगस्त 2020 में 2,642 संपत्तियों का पंजीकरण हुआ था। हालांकि इस साल यानी 2022 में इस महीने सबसे कम संपत्तियों का पंजीकरण हुआ। इस महीने पंजीकृत संपत्तियों में से 85 फीसदी आवासीय और नौ प्रतिशत वाणिज्यिक संपत्तियां थीं। नाइट फ्रैंक के मुताबिक अगस्त माह में 31 से 45 वर्ष की आयु वर्ग वाले लोगों का घर खरीदने में सबसे अधिक हिस्सा रहा। इस आयु वर्ग के लोगों का कुल आवासीय संपत्ति पंजीकरण में 47 फीसदी का योगदान रहा। वहीं 46 से 60 साल की उम्र के खरीदारों की हिस्सेदारी 32 फीसदी रही, जबकि 12 फीसदी घर खरीदार 30 साल से कम उम्र के और नौ फीसदी 60 वर्ष से ऊपर के हैं। मुंबई में सस्ते घरों की अपेक्षा महंगे घरों की बिक्री ज्यदा हो रही है। एक से ढाई करोड़ रुपये की कीमत वाली संपत्तियों का कुल पंजीकरण में 45 फीसदी का योगदान रहा, जबकि एक करोड़ रुपये और उससे कम कीमत वाली संपत्तियां 40 फीसदी थीं। वहीं 2.5 करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये के बीच संपत्तियों का हिस्सा 11 फीसदी था। वहीं पिछले महीने एक करोड़ रुपये से कम संपत्तियों का पंजीकरण 43 फीसदी था जबकि एक करोड़ रुपये से ऊपर की संपत्तियों की हिस्सेदारी 42 फीसदी थी। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि अगस्त आमतौर पर संपत्ति पंजीकरण के लिहाज से सुस्त महीना रहता है। पिछले 10 में से आठ साल में अगस्त में माह-दर-माह आधार पर संपत्तियों का पंजीकरण घटा है। इसके अलावा गृह ऋण दरों और स्टांप शुल्क में वृद्धि का खरीद पर प्रभाव पड़ा है। इसके बावजूद, मुंबई की घरेलू बिक्री की गति तुलनात्मक रूप से तेज बनी हुई है और पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इसलिए यह आकलन करना जल्दबाजी होगी कि आवास बिक्री पर इन दरों में बदलाव का प्रभाव दीर्घकालिक है या नहीं। इसके अलावा, आगामी त्योहारी सीजन में होमबॉयर्स की भावनाओं को बनाए रखने की उम्मीद है। और महंगे हुए घरराष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) के आवास मूल्य सूचकांक के मुताबिक चालू वित्त वर्ष (2022-23) की पहली अप्रैल-जून तिमाही में 42 शहरों में घरों के दाम बढ़े हैं। इस दौरान पांच शहरों में घर सस्ते हुए, जबकि तीन में कीमतें स्थिर रहीं। एनएचबी ने कहा कि सभी आठ प्रमुख महानगरों ने वार्षिक आधार पर सूचकांक में वृद्धि दर्ज की है। अहमदाबाद (13.5 फीसदी ), बेंगलुरु (3.4 फीसदी), चेन्नई (12.5 फीसदी), दिल्ली (7.5 फीसदी), हैदराबाद (11.5 फीसदी ), कोलकाता (6.1 फीसदी), मुंबई (2.9 फीसदी) और पुणे (3.6 फीसदी) हैं। इसमें कहा गया है कि तिमाही आधार पर 50-शहरों का सूचकांक 1.7 फीसदी बढ़ा, जबकि पिछली तिमाही(जनवरी-मार्च) में इसमें 2.6 फीसदी की वृद्धि हुई थी। आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई) में वार्षिक आधार पर बड़ा अंतर देखने को मिला। कोयम्बटूर में जहां यह 16.1 फीसदी बढ़ा, वहीं नवी मुंबई में इसमें 5.1 फीसदी की गिरावट आई। एचपीआई में 2017-18 को आधार वर्ष के रूप में लिया जाता है। यह तिमाही आधार पर 50 शहरों में संपत्ति की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर नजर रखता है।
