दिल्ली सरकार ई-बसें खरीदने पर जोर दे रही है। दिल्ली सरकार के बस बेड़े में ई-बसों की हिस्सेदारी 2025 तक बढ़कर 80 फीसदी तक हो सकती है। अभी यह हिस्सेदारी महज 3.4 फीसदी है। सरकार ने ई-वाहन नीति के तहत 2024 तक दिल्ली में कुल वाहनों में ई-वाहनों की हिस्सेदारी 25 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है।दो साल पहले यह नीति लागू होने के बाद खरीदी गई बसों में 24 फीसदी ई-बसें खरीदी गई। सरकार ने बुधवार को दिल्ली की सड़कों पर 97 ई-बसों को उतारा। इन बसों के साथ दिल्ली में कुल ई-बसों की संख्या बढकर 250 हो गई है। इस समय दिल्ली परिवहन निगम के बेड़े में करीब 7,373 बसें हैं। सरकार का लक्ष्य 2025 बसों की संख्या बढाकर 10 हजार से अधिक करने का है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज 97 लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें और दिल्ली की सड़कों पर उतर रही हैं। इन्हें मिलाकर अब दिल्ली की सड़कों पर करीब 250 बसें चलेंगी। अगले माह 50 और बसें आएंगी। इसके साथ ही 1,500 और इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया जा रहा है। हमें उम्मीद है कि नवंबर 2023 के अंत तक दिल्ली में कुल 1,800 इलेक्ट्रिक बसें हो जाएंगी। उसके बाद दिल्ली देश में ऐसा शहर हो जाएगा, जहां सबसे अधिक ई-बसें होंगी। इन 1,800 बसों के अलावा सरकार 6,380 ई-बसें और खरीदेगी।मुख्यमंत्री ने कहा दिल्ली में वर्ष 2025 के अंत तक कुल बसों की संख्या 10,380 हो जाएंगी, जिसमें से 8,180 बसें इलेक्ट्रिक होंगी। इस तरह 2025 के अंत तक करीब 80 फीसदी इलेक्ट्रिक बसें होंगी। आज दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर को मिलाकर 7,373 बसें चल रही हैं। अभी तक के दिल्ली के इतिहास में परिवहन विभाग के बेड़े में यह सबसे ज्यादा बसें हैं। दिल्ली के 55 बस डिपो में चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। अभी तक 3 बस डिपो पर चार्जिंग स्टेशन लगाए जा चुके हैं। अगले साल तक 17 बस डिपो में चार्जिंग स्टेशन लगा दिए जाएंगे और 2023 के अंत तक सभी 55 बस डिपो में चार्जिंग स्टेशन लग जाएंगे। 2025 तक दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों के लिए 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट बन कर तैयार हो जाएंगे।
