प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने 2022-23 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 13 से 15.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। उनका यह भी कहना है कि वृद्धि दर इससे अधिक भी रह सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने मंगलवार को पहली तिमाही में 15.7 प्रतिशत वृद्धि दर रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम आंकड़ा इससे भी अधिक रहने की संभावना है। वहीं रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि GDP वृद्धि दर जून तिमाही में 13 प्रतिशत से नीचे रहेगी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े अगले सप्ताह जारी करेगा। महामारी की पहली लहर में जून, 2020 में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई थी। हालांकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में स्थिति ज्यादा खराब होने के बावजूद जून, 2021 में 20.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 16.2 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है।एसबीआई रिसर्च के अनुसार पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 15.7 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसके ऊपर भी जाने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय बैंक का 2022-23 के लिये 7.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का अनुमान ऊपर जा सकता है। इक्रा की नायर ने कहा कि उच्च तुलनात्मक प्रभाव के साथ गर्मी बढ़ने से गेहूं उत्पादन प्रभावित होने, वैश्विक स्तर पर मुद्दों और जिंसों के दाम में तेजी के कारण मांग/मार्जिन प्रभावित होने से पहली तिमाही में वृद्धि दर नरम होकर 13 प्रतिशत रहने की संभावना है। वहीं सकल मूल्य वर्धन 12.6 प्रतिशत रहने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार क्षेत्र में वृद्धि को सेवा क्षेत्र से गति मिलेगी। सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 17 से 19 प्रतिशत रहने की संभावना है। उसके बाद उद्योग (9 से 11 प्रतिशत) का स्थान होगा। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार निगरानी वाले 41 महत्वपूर्ण आंकड़ों में से 89 प्रतिशत में पहली तिमाही में तेजी रही। जबकि 2021-22 में यह 75 प्रतिशत था। यह वृद्धि के मजबूत और व्यापक रहने का संकेत देता है।
