यात्री डेटा के मुद्रीकरण की अपनी योजना की आलोचना के बाद भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने इस योजना की समीक्षा करने का फैसला किया है। बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक आईआरसीटीसी इस कवायद को तत्काल ठंडे बस्ते में नहीं डालने जा रही है, लेकिन इस दिशा में आगे बढ़ने के पहले वह यात्रियों के डेटा को साझा करने के प्रावधानों पर नए सिरे से विचार करेगी। इस समीक्षा में डेटा को साझा करने के दायरे में अंतर साफ किए जाने की संभावना है और व्यक्तिगत आंकड़ों को साझा करने के सभी प्रावधानों को पूरी तरह से बाहर रखा जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसमें काम करने की संभावना निजी और सरकारी कंपनियों के साथ एग्रीगेटेड डेटा और एनॉनिमस डेटा साझा करने तक सीमित रहेगी। अधिकारी ने कहा, ‘कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के विपरीत डेटा मोनेटाइजेशन की कवायद से पूरी तरह से दूर रहने की कोई योजना नहीं है।’बिजनेस स्टैंडर्ड ने खबर दी थी कि भारतीय रेलवे की टिकट बुकिंग इकाई यात्रियों के डेटा से धन जुटाने पर विचार कर रही है और पहली बार इस तरह की कवायद हो रही है। आईआरसीटीसी का लक्ष्य इस कवायद से 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की है। इसके लिए सलाहकार नियुक्त करने के टेंडर दस्तावेजों में आईआरसीटीसी ने कई क्षेत्रों का उल्लेख किया था, जिसमें आतिथ्य, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और स्वास्थ्य क्षेत्र शामिल हैं, जहां यात्रियों के डेटा के संभावित ग्राहक हैं। उन्होंने कहा, ‘डेटा के मुद्रीकरण के प्रस्ताव को लेकर कोई समस्या नहीं है। दरअसल बोर्ड ने टेंडर जारी करने के पहले कानून मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा मंजूरी ली थी। हालांकि जनता की प्रतिक्रिया को देखते हुए हमने प्रस्ताव को और ठोस बनाने और नए सिरे से समीक्षा करने का फैसला किया है।’
