देश के सात बड़े शहरों में पहली छमाही के दौरान डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की कीमत वाले कुल 25,680 घरों या फ्लैटों की बिक्री हुई हैं। संपत्ति सलाहकार एनारॉक के अनुसार- महंगे फ्लैटों की बिक्री पिछले तीन साल की सालाना बिक्री से अधिक है। इसमे 50 फीसदी घर केवल मुंबई मे बिके है।एनारॉक ने कहा कि लक्जरी या महंगे आवास खंड ने इस साल अच्छा प्रदर्शन किया है और डेवलपर्स द्वारा दी गई छूट और प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) की मांग से बिक्री बढ़ी है। यह सभी घर 2021 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली-एनसीआर), एमएमआर, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता जैसे सात प्रमुख शहरों में बेचे गए, 21,700 घरों से से अधिक है। वहीं कोविड-19 महामारी से प्रभावित वर्ष 2020 में महंगे फ्लैटों की बिक्री घटकर 8,470 घर रह गई थी। जो वर्ष 2019 में 17,740 थी। आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 के पहले छह महीनों के दौरान सात शहरों में 1.84 लाख घरों की कुल बिक्री में लक्जरी फ्लैटों की हिस्सेदारी बढ़कर 14 फीसदी हो गई है। यह वर्ष 2019 में केवल सात फीसदी थी। एनारॉक ने कहा है कि वर्ष 2022 में घरों की बिक्री महामारी के पहले के स्तर के पार पहुंच जायेगी। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि लक्जरी घरों की बिक्री में उछाल के चार-पांच कारण है। पहला यह है कि इस साल कई लक्जरी आवासीय परियोजनाओं का काम पूरा हुआ है। पूरी तरह से तैयार घरों की मांग में वृद्धि हुई है। क्योंकि ग्राहक जल्द से जल्द नए घर में जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उच्च संपदा वाले व्यक्तियों (एचएनआई) ने महामारी के दौरान शेयर बाजार से पैसा कमाया है। जिसे वे अब अचल संपत्ति में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त परिवारों ने महामारी के दौरान बड़े घरों की जरूरत को महसूस किया है और यह इस श्रेणी में बिक्री में वृद्धि का प्रमुख कारणों में से एक है। एनारॉक ने यह भी कहा कि महामारी की दूसरी लहर के बाद घरों की कीमतें बढ़ी हैं।
