नए लेबर कानून को लागू करने को लेकर मंथन जारी है। नए लेबर कानून पर आज यानि 22 अगस्त को श्रम मंत्रालय वेज कोड पर इंडस्ट्री के साथ अहम चर्चा करेगा। इस बैठक में नए नियम लागू करने जैसे अहम फैसले हो सकते हैं। आज की इस बैठक के बाद 24 और 25 अगस्त को राज्यों के साथ मंत्रालय की बैठक होगा।सरकार नए कानून को पूरे देश में एक साथ लागू करना चाहती है. इंडस्ट्री के साथ मंत्रालय की आज की इस बैठक में सैलरी में 50 फीसदी से ज्यादा अलाउंसेस न किए जाने पर सहमति बन सकती है। अगर इस पर आम राय बनती है, तो टेक होम सैलरी कम होगी और प्रोविडेंड फंड यानि पीएफ में निवेश बढ़ेगा। इंडस्ट्री नए कानून से पहले सैलरी स्ट्रक्चर पर और स्पष्टता चाहती है कि किस मद में कितनी छूट दी जा सकती है। नए लेबर कानून को लेकर 15 राज्यों के प्रिंसिपल लेबर कमिश्नर के साथ इंडस्ट्री की बैठक हो चुकी है। नए वेज कोड से क्या होंगे बदलाव ? यदि नए वेज कोड लागू होते हैं तो सैलरी में अधिकतम 50 फीसदी ही अलाउंसेस हो सकेंगे। हालांकि वेज कोड के हिसाब से नए नियम लागू करने पर इंडस्ट्री तैयार है। नए वेज कोड लागू होने से कर्मचारी की टेक होम या आसान भाषा में कहें तो इन हैंड सैलरी कम हो जाएगी, पीएफ में कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा। साथ ही बेसिक सैलरी में भी इजाफा होगा। नए नियमों को लेकर क्या है इंडस्ट्री की राय इंडस्ट्री का मानना है कि नए नियम लागू करने से पहले अलाउंसेस का स्ट्रक्चर स्पष्ट होना चाहिए। छूट की संख्या और लिमिट पर एक स्पष्ट गाइडलाइंस जारी की जाना चाहिए। साथ ही इंडस्ट्री का ये भी मानना है कि नए वेज कोड से शॉर्ट टर्म मे बोझ बढने का अनुमान है. इसलिए इंडस्ट्री को नए नियम लागू करने के लिए 2-3 महीने का समय मिलना चाहिए।
