अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों का सतर्क बयान, चीन में ग्रोथ को लेकर नई चिंता और मुनाफावसूली से निफ्टी में 8 दिन से चल रहा तेजी का सिलसिला आज थम गया। निफ्टी-50 1.1 फीसदी या 198 अंक की गिरावट के साथ 17,758 पर बंद हुआ। हालांकि इस गिरावट के बावजूद निफ्टी लगातार पांचवें हफ्ते बढ़त पर बंद हुआ है। एक दिन पहले ही सूचकांक ने लगातार 8 कारोबारी सत्रों में की तेजी दर्ज की थी, जो नवंबर 2020 के बाद तेजी का सबसे लंबा सिलसिला है। इसी तरह सेंसेक्स 6 कारोबारी सत्र में पहली बार 652 अंक का गोता लगाकर 59,646 पर बंद हुआ। चीन द्वारा अधिक वित्तीय प्रोत्साहनों की घोषणा से ग्रोथ को लेकर चिंता फिर प्रबल होने और अधिकांश एशियाई बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। गोल्डमैन सैक्स और नोमुरा ने चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अपने पहले के अनुमान को घटा दिया है, जिससे वैश्विक परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता और बढ़ी है। दरों में बढ़ोतरी पर फेडरल रिजर्व के अधिकारियों के हालिया बयान से भी निवेशकों का हौसला कमजोर हुआ है। फेडरल ओपन मार्केट समिति (एफओएमसी) में मत देने वाले सदस्यों जेम्स बुलार्ड और एस्टर जॉर्ज ने हाल में कहा था कि मुद्रास्फीति के कम होकर 2 फीसदी के लक्ष्य पर आने तक दरों में बढ़ोतरी जारी रखने की जरूरत है। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'फेडरल रजर्व की बैठक का ब्योरा जारी होने के बाद घरेलू शेयर बाजार में मुनाफावसूली हुई। बैठक के ब्योरे से संकेत मिलता है कि आक्रमक कदम के असर को लेकर नीति निर्माताओं की चिंता के बावजूद वे दरें बढ़ाना जारी रखने के पक्ष में है।' अमेरिका में मुद्रास्फीति के 40 साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के मद्देनजर फेडरल रिजर्व ने जून में दरें बढ़ाने के बाद जुलाई में बेंचमार्क दरों में 75 आधार अंक का इजाफा किया था। फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि सितंबर में दर में 50 या 75 आधार अंक की बढ़ोतरी और हो सकती है। हालांकि यह आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा। बाजार के एक वर्ग का कहना है कि गुरुवार को बीएसई की सूचीबद्ध फर्मों का बाजार पूंजीकरण रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था, जिसकी वजह से मुनाफावसूली हुई है। इस साल जून के मध्य के निचले स्तर से बाजार करीब 17 फीसदी चढ़ चुका है जिससे शेयरों का मूल्यांकन दीर्घावधि के औसत से अधिक हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार सरपट दौड़ा है और कुछ जोखिमों को नजरअंदाज भी किया है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के रणनीतिकार संजीव प्रसाद ने कहा, 'हमारे विचार से बाजार ने संभावित बुरी खबरों को नजरअंदाज किया है जिनमें वैश्विक जीडीपी वृद्धि में नरमी और अमेरिका तथा यूरोप में संभावित मंदी से मांग कमजोर होने और सर्दियों में वैश्विक ईंधन की मांग और आपूर्ति में असंतुलन से ईंधन के दामों में तेजी आने की आशंका शामिल है।' निफ्टी वर्तमान में वित्त वर्ष 2023 के आय के अनुमान से 22 गुना पर कारोबार कर रहा है। डॉलर में हालिया तेजी से भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निवेश प्रभावित होने की चिंता बढ़ सकती है। विदेशी निवेश से ही बाजार में जुलाई और अगस्त में तेजी आई है और पिछले तीन महीने के नुकसान की भरपाई करने में मदद मिली है। अगस्त में विदेशी निवेशकों ने अब तक 44,481 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की लिवाली की है। बीएसई के 19 क्षेत्रीय सूचकांकों में से केवल चार बढ़त पर बंद हुए। बीएसई ऊर्जा सूचकांक में 0.53 फीसदी की तेजी आई जबकि रियल्टी और बैंकेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। बीएसई में 2,047 शेयर गिरावट पर और 1,361 लाभ में बंद हुए। निफ्टी के केवल 6 शेयर ही लाभ में रहे। अदाणी पोर्ट्स में सबसे ज्यादा 4.44 फीसदी की तेजी दर्ज की गई जबकि इंडसइंड बैंक में 4 फीसदी गिरावट देखी गई।
