बैंकों, सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) का सूक्ष्म ऋण पोर्टफोलियो सालाना 24 फीसदी बढ़कर जून में 2.75 लाख करोड़ रुपये हो गया जो पिछले वर्ष 2.22 लाख करोड़ रुपये था। माइक्रो फाइनेंस क्षेत्र के स्व नियामक संगठन, साधन के अनुसार क्रमिक रूप से मार्च, 2022 में ऋण पुस्तिका का विस्तार 2.62 लाख करोड़ रुपये से हो गया है। साधन के मुख्य कार्याधिकारी जीजी मैमन ने कहा क्षेत्र ने महामारी की परेशानियों को दूर कर लिया है और अब रास्ते पर आ गया है। यद्यपि यह पहली तिमाही के दौरान आरबीआई के नए नियमों को लागू करने में व्यस्त था, इसने एक स्वस्थ वृद्धि देखी है। साधन ने अपने एक बताया में कहा कि हालांकि इस क्षेत्र के धन प्रवाह में सुधार हुआ है, लेकिन अब भी कई छोटे एमएफआई को बैंकों से धन लेने में परेशानी हो रही है। इस अंतर को दूर करने के लिए संगठन कार्य कर रहा है। बैंकों को छोड़कर, सभी उधार देने वालों के पोर्टफोलियो में दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जो एमएफआई के तहत काम कर रही है उनकी वृद्धि 35.18 फीसदी दर्ज की गई है। लघु वित्त बैंकों की सालाना आधार पर 27.66 फीसदी वृद्धि दर्ज की है। साधन ने कहा कि अप्रैल-जून की तिमाही में संवितरण भी दोगुनी से अधिक होकर 57,482 करोड़ रुपये की हुई है जो पिछले साल की समान अवधि में 27.328 करोड़ थी। हालांकि पिछली तिमाही (वित्त वर्ष की चौथी तिमाही) की तुलना में संवितरण 35 फीसदी कम है क्योंकि ऋणदाता नए नियमों के अनुसार अपनी संवितरण नीति को ठीक कर रहे हैं। लेनदारों से संग्रह में ऊपर की ओर रुझान दिखा। पिछली तिमाही की तुलना में रिकवरी में भी सुधार दिखा और कई राज्यों में यह 99 फीसदी तक पहुं गया। हालांकि कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां से संग्रह सामान्य से भी कम रहा। उदाहरण के लिए असम में संग्रह क्षमता 50-55 फीसदी रही। जून 2022 के अंत तक कुल क्षेत्रीय गैर निष्पादित परिसंपत्तियां 12 फीसदी के करीब थी, जो की एनबीएफसी-एमएफआई के लिए नौ फीसदी है।
