केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बकाये का करीब 35,000 करोड़ रुपये राज्यों को जारी कर सकती है। बिजनेस स्टैंटर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक यह धनराशि जारी होने पर वित्त वर्ष 2023 के लिए राज्यों का मुआवजा 1.2 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाएगा। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अब तक हमने 85,000 करोड़ रुपये बकाया इस साल जारी किया है। जल्द ही जून के लिए हम करीब 35,000 करोड़ रुपये और जारी करेंगे।’जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम के मुताबिक जून 2022 के बाद जीएसटी मुआवजा नहीं मिलेगा। बहरहाल 28 प्रतिशत कर के दायरे में आने वाली कुछ वस्तुओं पर मुआवजा उपकर मार्च 2026 तक जारी रहेगा। इसका इस्तेमाल 2.69 लाख करोड़ रुपये मूलधन और ब्याज के भुगतान में होगा, जो केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी मुआवजे के भुगतान के लिए वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 22 में उधारी ली थी। कोविड-19 के कारण कर राजस्व प्रभावित हुआ था। अधिकारी ने कहा कि वित्त वर्ष 23 के लिए उधार ली गई राशि पर ब्याज 15,000 करोड़ रुपये है। अधिकारी ने कहा, ‘इस साल की शुरुआत में भुगतान किए गए 85,000 करोड़ रुपये में से सिर्फ 25,000 करोड़ रुपये मुआवजा उपकर कोष से मिले हैं। शेष राशि केंद्र ने अपनी नकदी में से दी है। इसकी भरपाई करनी होगी।’इसके अलावा एक बार जब जीएसटी रिफंड की गणना हो जाएगी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) राज्यों के लेखा की आडिट कर लेंगे, उसके बाद शेष राशि राज्यों को देनी होगी।
