सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) अगले पांच साल में पेट्रोरसायन और गैस कारोबार में 1.4 लाख रुपये तक का निवेश करेगी। बीपीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अरुण कुमार सिंह ने कंपनी की सलाना रिपोर्ट में कहा कि जोखिम को कम करते हुए भविष्य के अवसरों का लाभ उठाने के लिए कंपनी अपनी रणनीतियों का फिर से मूल्यांकन कर रही है। दुनिया भर के देशों के स्वच्छ, कार्बन मुक्त ईंधन का विकल्प चुनने के साथ तेल कंपनियां भी हाइड्रोकार्बन संचालन के जोखिम से बचने के लिए अन्य व्यवसायों की ओर बढ़ रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहन और हाइड्रोजन पर के प्रति ये कंपनियां आकर्षित हो रही हैं। उन्होंने कहा, "कंपनी ने अतिरिक्त आय का स्त्रोत बनाने और तरल जीवाश्म-ईंधन व्यवसाय में किसी भी संभावित भविष्य में गिरावट के जोखिम से बचने के लिए अन्य वैकल्पिक कारोबारों में विविधता लाने और विस्तार करने की योजना बनाई है।" देश में 83,685 पेट्रोल पंपों में से 20,217 भारत पेट्रोलियम के हैं। कंपनी न केवल पेट्रोल और डीजल की बिक्री कर रही है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के साथ-साथ हाइड्रोजन जैसे भविष्य के ईंधन भी उपलब्ध करा रही है। सिंह ने कहा, "कंपनी ने इन रणनीतिक क्षेत्रों में से प्रत्येक के तहत एक विस्तृत रूप-रेखा तैयार की है और अगले पांच साल में लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है। इस कड़ी में बीपीसीएल बीना और कोच्चि में अपनी तेल रिफाइनरियों में पेटकेम (पेट्रो-रसायन) परियोजनाएं भी स्थापित करेगी।"
