इस साल आलू की कीमतों पर महंगाई सवार है। इसकी अहम वजह ऊंचे भाव पर आलू का भंडारण होने के बीच खपत बढना है। साथ ही आलू के उत्पादन में आई कमी है। लेकिन उत्पादन महज 4.60 फीसदी घटा है, जबकि दाम पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ गए हैं। कारोबारियों का कहना है कि आगे भी आलू की महंगाई से राहत मिलने की संभावना नहीं है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021—22 में 535 लाख टन आलू पैदा होने का अनुमान है, जो वर्ष 2020—21 में पैदा हुए 561 लाख टन आलू से महज 4.60 फीसदी कम है।उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश भर के खुदरा बाजार में इस समय आलू की औसत कीमत करीब 27 रुपये है, जबकि पिछले साल इन दिनों 19 रुपये किलो थी। दिल्ली में इस समय आलू 27 रुपये, मुंबई में 40 रुपये, लखनऊ में 26 रुपये, भोपाल में 25 रुपये किलो बिक रहा है। पिछले साल इन शहरों में भाव क्रमश: 18, 21,18 और 22 रुपये किलो थे। उत्तर प्रदेश की मंडियों में आलू के थोक भाव 1,200 से 1,800 रुपये और दिल्ली की आजादपुर मंडी में 1,000 से 2,200 रुपये प्रति क्विंटल है। पिछले साल इन दिनों उत्तर प्रदेश में भाव 800 से 1,100 रुपये और दिल्ली में 600 से 1,600 रुपये थे। आगरा मंडी के आलू कारोबारी दीपक कुमार कहते हैं कि कोरोना पूरी तरह खत्म होने से अब आलू की मांग हर तरफ से बढ रही है। होटल—रेस्टोरेंट, स्कूल भी खुल चुके हैं। इनकी मांग के साथ ही समोसे वालों की ओर से भी मांग बढ़ी है। इस साल 15 से 20 फीसदी बिक्री ज्यादा है। इसलिए आलू महंगा है। आगे भी आलू की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के किसान बटुक मिश्रा कहते हैं कि इस साल कोल्ड स्टोर में आलू भरने के समय भाव 10 से 12 रुपये किलो था, जबकि पिछले साल 8 से 10 रुपये किलो के भाव पर भंडारण हुआ था। ऊंचे भाव पर आलू का भंडारण होने से किसानों को अच्छी कीमत मिल रही है। आगरा कोल्ड स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन सिंघल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आलू की कमी नहीं है। इस साल 90 फीसदी कोल्ड स्टोर भरे हैं। अभी भी 70 फीसदी आलू कोल्ड स्टोरेजों में बचा हुआ है। लेकिन ऊंचे भाव पर भंडारण होने के कारण आलू महंगा है। पश्चिम बंगाल में इस साल पैदावार कम होने से 85 फीसदी ही आलू के कोल्ड स्टोर भरे हैं। जिनमें 61—62 लाख टन आलू का भंडारण हुआ है, पिछले साल 70 लाख टन से अधिक भंडारण हुआ था। आलू का भंडारण 16 से 18 रुपये किलो के भाव पर हुआ है, पिछले साल 14—15 रुपये किलो पर भंडारण हुआ था।
