बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के रिश्तों में खटास की पिछले कुछ दिनों से लगाई जा रही अटकलें आज सही साबित हो गईं, जब नीतीश ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। इसके बाद सर्वसम्मति से ‘महागठबंधन’ का नेता चुने जाने पर उन्होंने नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। नीतीश ने जनता दल (यूनाइटेड) के सांसदों और विधायकों के साथ बैठक के बाद राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने का बाद उन्होंने कहा, ‘हमने राज्यपाल को 164 विधायकों की सूची सौंपी है और नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है।’ नीतीश ने अपनी पार्टी जनता दल - यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठबंधन यह कहते हुए तोड़ दिया कि भाजपा उनकी पार्टी को तोड़ने की ‘साजिश’ रच रही थी। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से संपर्क साधा, जो उन्हें समर्थन देने के लिए सहमत हो गए हैं। उधर लंबे समय से जदयू की गठबंधन सहयोगी रही भाजपा ने नीतीश पर ‘धोखा’ देने का आरोप लगाया है। बिहार में बनने वाली नई सरकार में भाकपा माले को छोड़कर सभी विपक्षी दल शामिल होंगे। महज 45 विधायकों वाले दल जदयू के नेता नीतीश ने एक झटके में सियासी बिसात पलटते हुए अपने गठबंधन साझेदार तो बदल ही दिए, विपक्ष में राष्ट्रीय भूमिका के लिए उपयुक्त उम्मीदवार भी बन गए। जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा, ‘आगे बढ़िए, नीतीश जी, देश आपका इंतजार कर रहा है।’ नीतीश ने आज सुबह जदयू के सभी सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई और आशंका जताई कि भाजपा पार्टी को तोड़ने की साजिश कर रही है।
