ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) को आम लोगों के लिए परीक्षण के अगले चरण के तहत अगले 15 दिनों में बेंगलूरु में शुरू किया जा सकता है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। ओएनडीसी की टीम ने बेंगलूरु में आम लोगों के लिए अपना नेटवर्क खोलने का निर्णय किया है क्योंकि वह शहर में परीक्षण का पहला चरण शुरू कर रहे हैं और बेंगलूरु में उसके नेटवर्क पर अन्य शहरों की तुलना में ज्यादा विक्रेता हैं। ओएनडीसी की टीम लेनदेन पर करीबी नजर रख रही है और अन्य शहरों में इसे शुरू करने से पहले सभी चीजें दुरुस्त करने में लगी हैं। ओएनडीसी से जुड़ी तीन बड़ी तकनीकी कंपनियों में से माइक्रोसॉफ्ट पहली कंपनी है, जिसने विक्रेताओं को जोड़ने के प्रयास शुरू करने की घोषणा की है। इस साल कंपनी की योजना अपने सोशल सर्कल के साथ भारतीय ग्राहकों के लिए शॉपिंग ऐप शुरू करने की है ताकि ओएनडीसी नेटवर्क से रिटेलरों और विक्रेताओं के बीच श्रेष्ठ कीमत का पता लगाने में मदद मिल सके। ओएनडीसी सरकार की पहल है, जिसके तहत डिजिटल कॉमर्स के लिए अपनी तरह का अनूठा नेटवर्क विकसित किया जा रहा है। सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुए अमेरिकी तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट भी इसमें शामिल हुई है। इस भागीदारी के जरिये माइक्रोसॉफ्ट का मकसद भारत में सोशल ई-कॉमर्स यानी समूह में खरीदारी का अनुभव पेश करना है। माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने कहा, ‘अगले एक दशक में भारत के ई-कॉमर्स उद्योग में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। ओएनडीसी जैसी पहल इसमें व्यापक बदलाव ला सकती है। डिजिटल कॉमर्स के लिए यूपीआई से जुड़ा नेटवर्क खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए लाभकारी होगा क्योंकि इससे वे बिना किसी दिक्कत ई-कॉमर्स समाधान के लिए आपस में जुड़ सकेंगे। ओएनडीसी के साथ भागीदारी कर हम बेहद खुश हैं और हम सोशल कॉमर्स क्षेत्र में नया कंज्यूमर ऐप पेश करने के लिए और इंतजार नहीं करना चाहते।’ सरकार समर्थित यह नेटवर्क फिलहाल देश के 36 शहरों में परीक्षण के चरण में है। इसने 9 प्लेटफॉर्म अपने साथ जोड़ लिए हैं और 17 अन्य प्लेटफॉर्मों को जोड़ने की तैयारी में है। मामले के जानकार सूत्रों ने कहा कि कई अन्य प्लेटफॉर्म जैसे दूरसंचार दिग्गज और बैंकों ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है। इस नेटवर्क का पहला परीक्षण 29 अप्रैल को दिल्ली, बेंगलूरु, कोयंबत्तूर, भोपाल और शिलॉन्ग में शुरू किया गया था। नेटवर्क अन्य शहरों को भी जोड़ने की प्रक्रिया में है और देश भर में इसे शुरू करने की तैयारी कर रहा है। डिजिटल कॉमर्स के लिए सरकार की पहल का मकसद अगले 5 साल में डिजिटल लेनदेन के सकल मर्केंडाइज का मूल्य (जीएमवी) सालाना 4.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक करना है। इसके साथ ही अगले 5 साल में डिजिटल कॉमर्स का उपयोग करने वाले रिटेलरों का दायरा 15,000 से बढ़ाकर 20 लाख करना है।
