वाहन क्षेत्र की दिग्गज महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) का शेयर शुक्रवार को 2 फीसदी से ज्यादा टूटा जब मुंबई मुख्यालय वाली कंपनी का जून तिमाही (वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही) का प्रदर्शन सुस्त रहा। वाहन क्षेत्र के लिहाज से इसमें हालांकि कई सकारात्मक चीजें हैं, लेकिन फार्म इक्विपमेंट या ट्रैक्टर कारोबार की मांग व मार्जिन की चिंता ने इसकी भरपाई कर दी। ऐसे में मार्च के निचले स्तर से 79 फीसदी की बढ़त दर्ज चुका यह शेयर अल्पावधि में दबाव में आ सकता है।कंपनी ने हालांकि दो क्षेत्र में सबसे ऊंचा तिमाही राजस्व अर्जित किया है, जो सालाना आधार पर 67 फीसदी की उछाल के साथ 19,613 करोड़ रुपये रहा लेकिन यह बाजार के अनुमान से कम रहा। इस बढ़त में अहम हिस्सेदारी कुल वॉल्यूम की रही, जो 47 फीसदी बढ़ा जबकि बिक्री में हुई बाकी बढ़त में कीमत में इजाफे का योगदान रहा। यूटिलिटी वाहन पोर्टफोलियो में मजबूत मांग व बुकिंग के अलावा एक साल पहले की समान तिमाही के निचले आधार के कारण कुल वॉल्यूम में बढ़ोतरी ऑटो सेगमेंट में 77 फीसदी की बढ़त की अगुआई में हुई।एक्सयूवी 300 और एक्सयूवी 700, द थार और स्कॉर्पियो की बुकिंग 1.40 लाख के पार निकल गई, पर एक्सयूवी 700 मॉडल की मांग मजबूत रही है और कुल बुकिंग में उसकी हिस्सेदारी आधी रही। नई पेशकश (स्कॉर्पियो एन) में भी बुकिंग में इजाफा देखने को मिला।नरमी की चिंता, नरमी की चिंता को देखते हुए यूवी पोर्टफोलियो की ग्रामीण बिक्री हालांकि प्रभावित होगी खास तौर स्कॉर्पियो एन की मांग शहरी इलाकों में चले जाना कंपनी के लिए सकारात्मक है। इससे पहले स्कॉर्पियो बिक्री में आधे से ज्यादा योगदान ग्रामीण क्षेत्र का था, जो अब इस मॉडल के मामले में एक चौथाई के नीचे आ गया है। यूवी का वॉल्यूम पिछली पांच तिमाही में बढ़ता रहा है और तिमाही दर 75,000 वाहन रही है और बाजार हिस्सेदारी पहली तिमाही में 16.3 फीसदी पर स्थिर रही।जुलाई में भी बिक्री 33 फीसदी पर मजबूत रही, जिसे नई पेशकश पर ग्राहकों की अच्छी प्रतिक्रिया और बेहतर ऑर्डर बुक से सहारा मिला।कंपनी ने एसयूवी सेगमेंट में 2027 तक 13 नए वाहनों की योजना बनाई है, जिसमें आठ नए इलेक्ट्रिक वाहन होंगे, जो उनके वॉल्यूम का 20 फीसदी होगा। मौजूदा बुकिंग हालांकि आगामी महीनों की बिक्री में प्रतिबिंबित होगा, लेकिन वॉल्यूम रन रेट पर नजर रखे जाने की दरकार है क्योंकि अगले एक साल में पेश होने वाले नए नए इंटरनल कंबस्टन आधारित एसयूवी की बड़ी असेंबली नहीं है, लेकिन इसमें स्कॉर्पियो क्लासिक व पिक-अप शामिल नहीं है। वाहन कारोबार में बढ़ते वॉल्यूम का सकारात्मक नतीजा इस क्षेत्र में मार्जिन में होने वाला सुधार है। पहली तिमाही में वाहन क्षेत्र में मार्जिन 402 आधार अंक बढ़कर 5.7 फीसदी पर पहुंच गया। इस क्षेत्र का मार्जिन हालांकि अभी एक अंक में है पर पिछली बार करीब चार साल पहले यह दो अंकों के पास पहुंच गया था।रिलायंस सिक्योरिटीज के मितुल शाह और एस फर्नांडिस ने कहा, कुछ चीजें इसे बदल सकती हैं। हमारा मानना है कि एक्सयूवी की सफलता के साथ बेहतर प्रॉडक्ट मिक्स और नए स्कॉर्पियो की मजबूत बुकिंग, लगातार कीमत बढ़ोतरी व जिंस की कीमतों ने नरमी आने वाले समय में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के मार्जिन में बढ़ोतरी करेगा।वाहन क्षेत्र हालांकि हर तरीके से आगे मजबूती का संकेत दे रहा है, लेकिन ट्रैक्टर सेगमेंट में मांग को लेकर अनिश्चितता है। पहली तिमाही में ट्रैक्टर वॉल्यूम सालाना आधार पर 19 फीसदी बढ़ा। इस सेगमेंट का मार्जिन 428 आधार अंक घटकर 16 फीसदी रह गया, जिसकी वजह कच्चे माल की बढ़ती लागत और प्रतिकूल प्रॉडक्ट मिक्स रही। आईआईएफएल रिसर्च ने कहा, पिछले कुछ महीनों में हालांकि मांग सुधरी है। निचले आधार व उच्च नकदी प्रवाह के कारण अप्रैल व मई में 41 से 47 फीसदी उछलने के बाद जून व जुलाई में वॉल्यूम करीब 15 फीसदी घट गया। गेहूं निर्यात पर पाबंदी और मॉनसून के देर से आने व बारिश के असमान वितरण वाले पैटर्न का अवधारणा पर असर पड़ा है। इसके अतिरिक्त किसानों का नकदी प्रवाह, कृषि व ग्रामीण क्षेत्र पर सरकार का कम खर्च कुछ अन्य कारक हैं, जो बढ़त को पटरी से उतार सकता है।ब्रोकरेज का अनुमान है कि त्योहारी सीजन की मांग की पृष्ठभूमि में सुधार से पहले अगस्त का वॉल्यूम सुस्त रहेगा। ज्यादातर ट्रैक्टर कंपनियों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 23 की बढ़त की रफ्तार एक अंक में (लो से मिड सिंगल) रहेगी। ऐक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि उद्योग के लिए एक में अंक में निचला स्तर पर बाजार की अग्रणी एमऐंडएम के लिए स्थिर ट्रेंड रहेगा। जून तिमाही में कंपनी ने बाजार हिस्सेदारी में 90 आधार अंक की बढ़ोतरी दर्ज की और यह 42.7 फीसदी पर पहुंच गया।यह देखते हुए कि महिंद्रा ऐंड महिंद्रा व समकक्ष कंपनियां मार्जिन बनाए रखने के बजाय अपनी बाजार हिस्सेदारी में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ऐसे में ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि इस क्षेत्र पर दबाव रहेगा। यह देखते हुए कि ट्रैक्टर का मार्जिन वाहन क्षेत्र के मार्जिन का करीब 3 गुना होता है, इस कारोबार में कमजोरी एमऐंडएम के कुल मार्जिन पर लगाम रखेगी।मोतीलाल ओसवाल रिसर्च ने कहा कि पिछली दो तिमाहियों में इस शेयर की दोबारा रेटिंग हुई है, जिसकी वजह एसयूवी सेगमेंट में मजबूत प्रदर्शन, हल्के वाणिज्यिक वाहनों में साइक्लिकल रिकवरी और जून से पहले ज्यादा ट्रैक्टर वॉल्यूम रही। हालांकि यह अभी पांच साल के औसत पर ट्रेड कर रहा है, जो पहले 30 फीसदी छूट पर हो रहा था। काफी ज्यादा रेटिंग को देखते हुए इस शेयर पर विचार से पहले निवेशकों को दोनों कारोबारों में मॉर्जिन में सुधार के संकेतकों और ट्रैक्टर में वॉल्यूम रिकवरी की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
