कोरोनावायरस महामारी के ढाई साल बाद रेल यात्रियों की आवाजाही में अब धीरे धीरे बढ़ोतरी होने लगी है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़ों से पता चलता है कि यह महामारी के पहले के स्तर के 70 प्रतिशत तक पहुंच गई है।अप्रैल और जून के बीच रेलवे में यात्री सेवाओं के लिए 1.46 अरब बुकिंग हुई है। इसमें उपनगरीय और गैर उपनगरीय दोनों रेलगाड़ियां शामिल हैं। वहीं रेल मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-जून 2019 के दौरान रेल यात्रियों की संख्या 2 अरब पहुंच गई थी।पहले के वित्त वर्ष की तुलना में वृद्धि खासकर आधार के असर के कारण 229 प्रतिशत है, क्योंकि कोविड 19 के कारण यात्रियों की संख्या बहुत घट गई थी, वहीं यह वित्त वर्ष के लिए मंत्रालय द्वारा तय लक्ष्य का सिर्फ 17 प्रतिशत है।केंद्रीय बजट में अनुमान लगाया गया था कि रेलवे से इस वित्त वर्ष में 8.3 अरब यात्री यात्रा करेंगे और पहली तिमाही में पर्यटन के कारण यात्रियों की आवाजाही तेज रहेगी। बहरहाल इस बार तिमाही के दौरान राष्ट्रव्यापी कोयले का संकट रहा, जिसकी वजह से रेलवे को यात्री रेलगाड़ियों की करीब 1,100 ट्रिप रद्द करनी पड़ी, जिससे कोयले की ढुलाई तेज हो सके।
