अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अत्यधिक कठोर मौद्रिक रुख अपनाने के बारे में शेयर बाजार की आशंका निराधार निकली। अमेरिकी केंद्रीय बैंक अपने बहीखाते को पहले की योजना के मुकाबले काफी धीमी गति से सिकोड़ रहा है। फेडरल रिजर्व के इस रुख से बाजार में नकदी प्रवाह की स्थिति कहीं अधिक अच्छी रही। फेडरल रिजर्व के बहीखाते में इस साल अप्रैल में शीर्ष स्तर के मुकाबले 75.5 अरब डॉलर यानी करीब 0.84 फीसदी का संकुचन दिखा। इस साल के आरंभ में फेडरल रिजर्व ने मई से शुरू होने वाले पहले तीन महीनों के दौरान बहीखाते में प्रति महीने 47 अरब डॉलर की कमी करने और उसके बाद हर महीने 95 अरब डॉलर की कमी करने की घोषणा की थी। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने 8,889 अरब डॉलर की परिसंपत्ति के साथ जुलाई महीने को अलविदा किया जबकि 13 अप्रैल 2022 को यह 8,965.5 अरब डॉलर के शीर्ष स्तर पर था। इसलिए फेडरल रिजर्व के बहीखाते में वास्तविक गिरावट पहले की घोषणा के मुकाबले आधे से भी कम रही। फेडरल रिजर्व के बहीखाते में उम्मीद से कम संकुचन ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मौद्रिक आधार या मुद्रा आपूर्ति में गिरावट को नियंत्रित किया। इससे बॉन्ड बाजार और परिसंपत्ति मूल्य को फायदा हुआ है। पिछले सात सप्ताह के दौरान बेंचमार्क 10 वर्षीय अमेरिकी सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल लगभग 14 फीसदी यानी 44 आधार अंक कम रहा जबकि इस दौरान एसऐंडपी 500 शेयर सूचकांक में 11.3 फीसदी की बढ़त हुई। पहले ऐसी आशंकाएं थीं कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और उसके बहीखाते में संकुचन के कारण परिसंपत्ति मूल्य में गिरावट आएगी और उभरते बाजारों में डॉलर के प्रवाह में भारी गिरावट आएगी। अपने मौजूदा मूल्य पर 10-वर्षीय अमेरिकी सरकारी बॉन्ड का प्रतिफल 2.78 फीसदी है जो साप्ताहिक आधार पर तीन साल के उच्च स्तर 3.23 फीसदी से कम है। बॉन्ड प्रतिफल और उनके मूल्य में विपरीत संबंध होता है यानी मूल्य में तेजी आने पर प्रतिफल कम होता है और प्रतिफल बढ़ने पर मूल्य कम होता है। दूसरी ओर एसऐंडपी 500 सूचकांक फिलहाल 17 जून को डेढ़ साल के निचले स्तर 3,674.8 अंकों से बढ़त के साथ 4,091 अंक पर कारोबार कर रहा है। इसका भारतीय वित्तीय बाजारों पर समान प्रभाव पड़ा। बेंचमार्क सेंसेक्स अपने जून के निचले स्तर से लगभग 14 फीसदी बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है जबकि भारत सरकार के 10-वर्षीय बॉन्ड पर प्रतिफल जून में 5 फीसदी के उच्च स्तर से लगभग 36 आधार अंक नीचे है। सिस्टेमैटिक्स ग्रुप के मुख्य अर्थशास्त्री एवं सह प्रमुख (संस्थागत इक्विटी) धनंजय सिन्हा ने कहा, 'फेडरल रिजर्व के बहीखाते में संकुचन बाजार प्रतिभागियों की उम्मीद से काफी कम रहा है। इससे नकदी प्रवाह की स्थिति अच्छी रही और बाजार पर उसका शांत प्रभाव दिखा।'
