स्विगी कर्मचारी नौकरी के साथ अन्य काम भी कर सकेंगे | |
स्विगी ने अपने कर्मियों के लिए मूनलाइटिंग नीति शुरू की है। | पीरजादा अबरार / नई दिल्ली 08 04, 2022 | | | | |
इस नीति के तहत उसके कर्मचारी अब आमदनी बढ़ाने के लिए अन्य काम भी कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें कंपनी से मंजूरी लेनी होगी। यह कार्य वे कार्यालय अवधि के बाद या फिर सप्ताहांत में करेंगे ताकि इससे उनके काम पर असर नहीं पड़े और कंपनी के व्यवसाय को लेकर हितों का टकराव नहीं हो।
खाना डिलिवरी करने वाली कंपनी के मानव संसाधन प्रमुख गिरीश मेनन ने बताया, 'हमारा लक्ष्य है कि कर्मचारी बिना किसी बाधा के अपने जुनून को आगे बढ़ाएं, इसके लिए हम उन्हें प्रोत्साहित करेंगे। पीपल फर्स्ट संस्थान बनाने के लिए यह हमारा अगला कदम होगा।'
देशभर में जारी लॉकडाउन के दौरान बड़ी आबादी ने नई रुचि अपनाई है जो उनके आय में भी वृद्धि कर रही है। इन गतिविधियों में किसी गैर सरकार संगठन के साथ काम करना, नृत्य प्रशिक्षक बनना या फिर सोशल मीडिया के लिए कंटेंट क्रिएटर आदि बनना है। स्विगी का मानना है कि पूर्णकालिक रोजगार के अलावा इन गतिविधियों में शामिल होने से व्यक्ति का पेशेवर विकास के साथ-साथ व्यक्तिगत विकास भी होता है।
कंपनी की नई नीति में कहा गया है कि कर्मचारी को मूनलाइटिंग परियोजना के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। अगर किसी परियोजना में स्विगी के साथ हितों का टकराव या फिर कर्मचारी के कार्य पर असर पड़ने वाला हो इसके लिए स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा। यह नीति बंडल टेक्नोलॉजी (मुख्य कंपनी) के सभी पूर्णकालिक कर्मचारियों जिसमें सहायक, सहयोगी और समूह कंपनियों के कर्मियों के लिए होगी।
बेंगलूरु की कंपनी में करीब पांच हजार कर्मचारी हैं। 500 शहरों में दो लाख रेस्तरां इसके पार्टनर हैं। पिछले सप्ताह स्विगी ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए स्थायी रूप से कहीं से भी काम करने की घोषणा की थी। यह फैसला कंपनी ने अपने कर्मियों, प्रबंधकों से लिए पिछले दो वर्षों के फीडबैक पर लिया था। आज देश के 27 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों के 487 शहरों से स्विगी के कर्मचारी काम कर रहे हैं।
मेनन बताते हैं,' मैंने कई जगहों से काम किया है। इस साल मैंने दुबई, सिंगापुर और यूरोप से भी काम किया है। तिमाही का पहला उत्सव इस बार जून में मनाया गया था और लगभग दो वर्षों के बाद सभी टीमें एकजुट हुई थीं। जो कर्मचारी पार्टनर फेसिंग रोल्स में हैं उन्हें अपने मूल स्थान से सप्ताह में कुछ दिन दफ्तर आकर काम करना पड़ता है।'
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