एडवांस्ड स्टैंडअलोन (एसए) 5जी नेटवर्क के संभावित उपयोग के संयोजन के साथ 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम हासिल करने संबंधी रिलायंस जियो के निर्णय को विश्लेषकों ने सराहा है। अधिकतर विश्लेषकों का कहना है कि जियो को अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बढ़त मिल सकती है और वह अगले स्तर पर छलांग लगा सकती है। हालांकि कुछ अन्य विश्लेषकों का कहना है कि अल्ट्रा-लो लेटेंसी प्रदान करने वाले एसए 5जी नेटवर्क के कवरेज के लिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 10 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए 40,000 करोड़ रुपये की कीमत अधिक है। उपयोग के मामलों के लिहाज से भारत में इसके लिए लंबा सफर तय करना पड़ेगा और तभी इसे भुनाया जा सकेगा।वैश्विक स्तर पर 700 मेगाहर्ट्ज एक महत्त्वपूर्ण बैंड है जो व्यापक कवरेज प्रदान करता है और यह घरों के भीतर बेहतर नेटवर्क प्रदान करने में समर्थ है। यूरोपीय संघ 5जी सेवाओं के लिए 3.5 गीगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज के साथ इसे एक प्रमुख बैंड पहले से ही मान रहा है। भारत में 3.5 गीगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में भी स्पेक्ट्रम की नीलामी हो चुकी है। रिलायंस जियो एकमात्र ऐसी कंपनी होगी जिसके पास इन तीनों बैंडों में स्पेक्ट्रम होगा। इतना ही नहीं वह भारत की एकमात्र और दुनिया की उन चुनिंदा दूरसंचार कंपनियों में शामिल है जो सीधे एसए नेटवर्क पर छलांग लगा सकती है।एसए नेटवर्क में नेटवर्क को नियंत्रित करने वाला कोर और नेटवर्क दोनों 5जी प्लेटफॉर्म पर होते हैं। इसे चालू करने के लिए जियो के पास खुद का स्वदेशी एसए स्टैक उपलब्ध है। एनएसए 5जी में नेटवर्क 4जी कोर का उपयोग जारी रखता है। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज का कहना है कि कवरेज (700 मेगाहर्ट्ज) के साथ क्षमता (मिलीमीटर बैंड) का संयोजन जियो जैसी दूरसंचार कंपनी को अपने 5जी नेटवर्क पर उच्च प्रवाह क्षमता प्रदान करेगा। उसका कहना है कि 5जी एसए हैंडसेट और ऐप्लिकेशन में अभी भी पिछड़ा हुआ है जबकि जियो विशेष सेवाओं की पेशकश के लिए अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। कोटक इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने कहा, 'यह बेहतर नेटवर्क कवरेज प्रदान करने में भारती एयरटेल के मुकाबले (जियो को) बढ़त प्रदान करेगा। ऐसे में जियो नेटवर्क की गुणवत्ता की बराबरी करने के लिए भारती एयरटेल को भविष्य की नीलामियों में 1 गीगाहर्ट्ज से नीचे के बैंड में स्पेक्ट्रम हासिल करने की आवश्यकता होगी।'नोमुरा का भी मानना है कि भारती एयरटेल के बारे में निवेशकों की चिंता और अधिक स्पेक्ट्रम खर्च के कारण 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदने की आवश्यकता केवल बढ़ेगी।बीएनपी परिबा का एक अलग नजरिया है। उसका मानना है कि स्पेक्ट्रम में जियो का बड़ा निवेश समय से पहले हो सकता है क्योंकि 5जी उपकरणों की पैठ अभी काफी कम है। ऐसे में निवेश को तत्काल भुनाने की संभावना काफी कम दिख रही है। एक नेटवर्क कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, भारती एयरटेल निश्चित रूप से बाद में 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीद सकती है। संभवत: कीमत भी समान हो सकती है क्योंकि 15 मेगाहर्ट्ज अभी भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि एसए नेटवर्क अल्ट्रा-लो लेटेंसी प्रदान करता है और इसलिए यह एंटरप्राइज के लिए कस्टमाइज्ड एसएलए नेटवर्क तैयार करने में समर्थ बनाता है। यह रोबोटिक्स, ऑटोनॉमस कार और रिमोट सर्जरी के लिए भी उपयुक्त है। बहरहाल, जियो बाजार में उथल-पुथल मचाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, उसने एंटरप्राइज और उपभोक्ता दोनों के लिए अपने एसए प्लेटफॉर्म पर 25 से अधिक ऐप्लिकेशन का परीक्षण किया है।
