व्यापक हुई बाजार की तेजी | चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात तीन महीने में पहली बार जुलाई में एक के पार निकल गया | | सुंदर सेतुरामन / तिरुवनंतपुरम August 03, 2022 | | | | |
बीएसई पर जिन शेयरों की ट्रेडिंग हुई उनमें चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात तीन महीने में पहली बार जुलाई में एक के पार निकल गया। पिछले महीने कुल 1,888 शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज हुई जबकि 1,662 शेयरों में गिरावट दर्ज हुई। इस महीने अभी तक 2,419 शेयर चढ़े हैं जबकि सिर्फ 1,288 में गिरावट आई है। चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात बाजार के विस्तार का संकेतक होता है। अगर यह अनुपात एक से ज्यादा हो तो संकेत मिलता है कि ज्यादा शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज हुई जबकि कम शेयरों में गिरावट आई। इस अनुपात में सुधार से यह भी संकेत मिलता है कि बाजार की तेजी व्यापक हो रही है क्योंकि निवेशकों की और जोखिम लेने की इच्छा एक बार फिर बढ़ रही होती है।
अक्टूबर 2021 और जून 2022 के बीच चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात सिर्फ तीन मौकों पर एक से ज्यादा रहा है। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निवेश सकारात्मक हुआ है, जो बाजार की अवधारणा को मजबूत करने के लिए काफी अहम रहा है। मोटे तौर पर एफपीआई 200 अग्रणी शेयरों पर दांव लगाते हैं क्योंकि वे तरल शेयरों में निवेश को प्राथमिकता देते हैं। चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात तब सुधरता है जब देसी निवेशकों की मजबूत भागीदारी होती है।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, एफपीआई की लगातार बिकवाली के कारण बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर था। इससे खुदरा निवेशकों की परिसंपत्तियां क्षरित हो रही थीं और उनकी भागीदारी पर भी प्रभाव डाला था। लेकिन जुलाई पहला महीना रहा जब खुदरा निवेशक अक्टूबर 2021 के बाद शुद्ध खरीदार बने क्योंकि एफपीआई के निवेश में सुधार हुआ। जुलाई के आखिरी दिनों में एफपीआई ने 4,989 करोड़ रुपये के देसी शेयर खरीदे, जो सितंबर 2021 के बाद उनकी पहली मासिक शुद्ध खरीदारी रही।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, बाजार पूंजीकरण पर खासी चोट पड़ी थी, जो चढ़ने व गिरने वाले शेयर अनुपात में प्रतिबिंबित हुआ। वैश्विक संकेतकों के सकारात्मक होने से बाजार में खासा सुधार हुआ क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अनुमान के मुताबिक ब्याज दरें बढ़ाई। भारतीय रुपये में सुधार, कंपनी जगत के बेहतर नतीजे और देसी शेयरों में छोटे निवेश के साथ एफपीआई की वापसी ने भी निवेशकों की अवधारणा को सहारा दिया। देसी बाजारों में कुछ हफ्तों तक और तेजी आ सकती है। हालांकि बाजार में उतारचढ़ाव की भी वापसी हो सकती है।
निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 12 फीसदी व 8.6 फीसदी की तेजी आई है। यह बढ़ोतरी पिछले दो महीने में आई तेज गिरावट के बाद आई है। मई व जून में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात घटकर क्रमश: 0.77 व 0.83 रहा था, जो बाजार में व्यापक निराशावाद को रेखांकित करता है।
बाजार में तेज सुधार के बाद ज्यादातर क्षेत्रीय इक्विटी सूचकांक अप्रैल के बाद के सर्वोच्च स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। बाजार जून के गहरे निराशावाद से अब आशावाद की और बढ़ गया है। कुछ का मानना है कि बाजार कुछ अहम जोखिम को नजरअंदाज कर रहा है।
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