एक माह के उच्च स्तर पर रुपया | |
कच्चे तेल में नरमी और विदेशी निवेशकों की लिवाली से रुपये में मजबूती | भास्कर दत्ता / मुंबई 08 03, 2022 | | | | |
पिछले काफी अरसे से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लुढ़क रहा रुपया आज मजबूत होकर एक महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। दुनिया भर में डॉलर में आई नरमी और कच्चे तेल के दामों में गिरावट से उभरते बाजारों की मुद्राओं में तेजी का लाभ रुपये को भी मिला और वह 79 से नीचे आ गया। डॉलर की तुलना में रुपया 78.71 पर बंद हुआ जबकि कल वह 79.03 पर बंद हुआ था। 27 जून के बाद पहली बार रुपये में इतनी मजबूती आई है।
अमेरिकी डॉलर सूचकांक दोपहर बाद 105.56 पर था। जुलाई में यह 20 साल के उच्च स्तर 108.54 पर पहुंच गया था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, 'तेल के दाम में नरमी से व्यापार संतुलन सुधरने और विदेशी कोषों की लिवाली से डॉलर की मांग-आपूर्ति का अंतर कम होने से भारतीय मुद्रा का प्रदर्शन सभी एशियाई मुद्राओं की तुलना में बेहतर रहा है। कच्चे तेल की कीमतों में हालिया गिरावट से स्थानीय इकाइयों को सबसे ज्यादा लाभ हुआ है।'
कच्चे तेल के दाम घटने से मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम भी कम हुआ है और 10 वर्षीय बेंचमार्क प्रतिभूतियों का प्रतिफल तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया है। 10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड का प्रतिफल आज 6.54 फीसदी रहा, जो 2 मई के बाद इसका निचला बंद स्तर है।
रॉयटर्स के अनुसार ब्रेंट क्रूड वायदा 29 सेंट कम होकर 99.74 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है और डब्ल्यूटीआई क्रूड वायदा 22 सेंट घटकर 93.67 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। कच्चे तेल के दाम कम होने से भारत के चालू खाते के घाटे और मुद्रास्फीति दोनों पर दबाव घटा है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से अधिक तेल आयात करता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों ने हाल ही में कहा था कि घरेलू मुद्रास्फीति चरम पर पहुंचती प्रतीत होती है और बॉन्ड डीलरों ने उम्मीद जताई थी कि केंद्रीय बैंक आगे दरों में उतनी तेजी से वृद्धि शायद न करे। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति मई से अब तक रीपो दर में 90 आधार अंक की बढ़ोतरी कर चुकी है और 5 अगस्त को अगले कदम की घोषणा करेगी।
मुद्रा डीलरों ने कहा कि डॉलर की बिकवाली और भारतीय संपत्तियों में विदेशी निवेश से रुपये में मजबूती आई है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 9 महीने बाद शेयर बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। अक्टूबर 2021 से वह लगातार बिकवाली कर रहे थे। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में विदेशी निवेशकों ने 61.8 करोड़ डॉलर की लिवाली की थी। विदेशी निवेशकों ने अगस्त में अब तक 86 करोड़ डॉलर के शेयर खरीदे हैं।
21 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपया 80.06 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया था। मगर उसके बाद से इसने अच्छी वापसी की है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आगे दरों में तेज बढ़ोतरी नहीं किए जाने की उम्मीद से डॉलर की वृद्धि थोड़ी धीमी पड़ी है। इस साल अब तक रुपये में करीब 5.6 फीसदी की नरमी आ चुकी है।
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक अमित पबरी ने लिखा है, 'करीब दो महीने तक कमजोर रहने के बाद विदेशी कोषों के प्रवाह, कच्चे तेल के दाम में कमी और डॉलर में नरमी से रुपया मजबूत हुआ है।'
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