सूत्रों के अनुसार रिलायंस जियो ने सबसे अधिक 80,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई।
स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां कई दिनों से चल रही थी और बहुत सारे स्पेक्ट्रम आधार मूल्य में ही बेच दिए गए। लेकिन कोई भी यह नहीं सोच रहा था कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए 10.8 मेगाहर्ट्ज का 1800 बैंड के लिए तीनो दूरसंचार कंपनियां आधार मूल्य से ऊपर की बोली लगाएगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार 70,000 करोड़ रुपये से 1,10,000 करोड़ रुपये तक की बोलियो का अनुमान था। लेकिन रिलायंस जियो ने 700 बैंड का 10 मेगाहर्टज का स्पेक्ट्रम अधिक मूल्य मे खरीदकर इसको बढ़ा दिया।
कंपनी के अनुसार विश्लेषकों ने बैंड के लिए 39,270 करोड़ रुपये का निकाले होंगे, इसलिए पूरी संख्या बहुत अधिक हो गई होगी।
टेलीकॉम कंपनियों ने पहले की दो बोलियों में 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को खरीदने दूरी बना कर रखी क्योंकि उनके मुताबिक यह बहुत महंगा था। लेकिन यह स्पेक्ट्रम वैश्विक स्तर पर तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। क्योंकि 5G की स्पीड देने वाला प्रमुख स्पेक्ट्रम है। खासतौर से घर के अंदर और अधिक दक्षता के लिए जिसे 3.5 गीगाहर्ट्ज के साथ मिलीमीटर बैंड की आवश्यकता होती है। जो इंटरनेट की तेज स्पीड के लिए जरुरी बड़ा बैंडविड्थ प्रदान करता है।