शुक्रवार को एस एंड पी ग्लोबल के एक सर्वे के अनुसार जुलाई में देश में विनिर्माण उद्योग, नए व्यवसायिक ऑर्डर और आउटपुट पिछले आठ महीनों में काफी तेजी से बढ़ा है। एस एंड पी ग्लोबल इंडिया पर्चेज़िंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जुलाई में ऊपर होकर 56.4 हो गया जो जून में 53.9 था। 50 से ऊपर का आंकड़ा विस्तार दिखाता है जबकि इससे नीचे संकुचन को। सर्वे में कहा गया है कि यह बढ़ती मांग और बिक्री में लगातार बढ़ोतरी के कारण हुआ।एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र के एसोसिएट डायरेक्टर पॉलीअन्ना डे लीमा का कहना है कि पिछले नवंबर के बाद आउटपुट काफी तेजी से बढ़ा है। यह बढ़ोतरी नए ऑर्डर्स के कारण हो रही है। सर्वे से पता चलता है कि जुलाई में ऑर्डर में काफी वृद्धि देखी गई, जबकि जून में यह कम थी। अंतराष्ट्रीय बाजार के ऑर्डर बुक में बढ़ोतरी हुई क्योंकि निर्यात बढ़ा। जुलाई में सामग्री उत्पादकों ने खर्चों में थोड़ी बढ़ोतरी की। कच्चे माल की लागत बढ़ने के बावजूद इन्फ्लेशन 11 महिनें के निचले स्तर पर है। जबकि जुलाई में आउटपुट कीमतों में वृद्धि चार महीनों में सबसे धीमा था। डी लीमा ने आगे कहा कि खरीदने की दर जुलाई में काफी बढ़ी और आपूर्तिकर्ता अपने प्रदर्शन में सुधार करने में सफल रहे। इसके बदले कच्चे माल और आधा तैयार माल में बढ़ोतरी जारी रही और लागत में भी कम वृद्धि हुई। जैसे कंपनियों ने इनपुट खरीदा और विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ोतरी की, रोजगार में वैसे बढ़ोतरी नहीं हुई। रोजगार में वृद्धि बिलकुल धीमी थी और मोटे तौर पर सामान्य रही। सर्वे के अनुसार अधिकतर फर्म ने अपने कार्यबल की संख्या में बदलाव नहीं किया। भविष्य को लेकर डर ने नई नौकरी का सृजन नहीं होने दिया क्योंकि अधिकतर व्यवसाय ठिठक गई थी। इसके साथ साथ अधिकतर कंपनियां 12 महीनों तक किसी भी प्रकार के बदलाव से दूर रहना चाहती हैं।
