यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई)-आधारित डिजिटल लेनदेन जुलाई में बढ़कर 6 अरब को पार कर गया है। भारत में 2016 से इस डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म की शुरुआत के बाद से यह अब तक का इसका उच्चतम स्तर है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के अनुसार यूपीआई में इस महीने कुल 6.28 अरब लेनदेन हुए जिसका कुल अमाउंट 10.62 लाख करोड़ रुपये है। पिछले महीने की तुलना में लेनदेन में 7.16 फीसदी और मूल्य में 4.76 फीसदी की वृद्धि हुई है। सालाना आधार पर यूपीआई लेनदेन दोगुना और लेनदेन के मूल्य में 75 फीसदी की वृद्धि हुई है।अपनी शुरुआत के तीन साल बाद यूपीआई लेनदेन ने अक्टूबर 2019 में पहली बार 1 अरब लेनदेन की संख्या को पार किया था। अगला 1 अरब पहुंचने में इसे केवल 1 साल लगे और अक्टूबर 2020 में यूपीआई के जरिये 2 अरब लेनदेन होने लगे। अगले 10 महीने बाद यूपीआई लेनदेन 3 अरब पहुंच गया। 3 अरब से 4 अरब तक पहुंचने में इसे केवल तीन महीने का समय लगा। अगले 2 अरब और पूरा करने में 6-6 महीने का समय लगा।पिछले दो सालों में देश में कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल भुगतान को अपनाने में तेजी आई है। महामारी की दो लहरों के अलावा अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ यूपीआई लेनदेन में बढ़ोतरी हुई है।वित्त वर्ष-22 में कुल 46 अरब यूपीआई लेनदेन हुए, जिसका मूल्य 84.17 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष-2021 में 22.28 अरब यूपीआई लेनदेन के साथ 41.03 लाख करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान हुआ। एक साल के भीतर ही यूपीआई लेनदेन और मूल्य में दोगुनी से अधिक वृद्धि हुई। यह दिखाता है कि देश में लोग डिजिटल भुगतान, विशेषकर यूपीआई, को तेजी से अपना रहे है।देश में तेजी से डिजिटल भुगतान को अपनाने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल पेमेंट सूचकांक (डीपीआई) मार्च 2022 में बढ़कर 349.30 हो गया है। जो सितम्बर 2021 में 304.06 था। डीपीआई की शुरूआत जनवरी 2021 से हुई, यह देश मे होने वाले डिजिटल भुगतानों की संख्या को दर्शाता है। डीपीआई मार्च 2019 में 153.47 से बढ़कर सितम्बर 2019 मे 173.49, मार्च 2020 में 207.94, सितंबर 2020 में 217.74 और मार्च 2021 में 270.59 हो गई।यूपीआई का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में एक दिन में एक अरब लेनदेन तक पहुंचना है। आरबीआई द्वारा रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने के निर्णय के बाद आने वाले महीनों में यूपीआई लेनदेन में और वृद्धि देखने को मिलेगी।NPCI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप असबे ने कहा कि हम देख रहे हैं कि बाजार में विस्तार कैसे कर सकते हैं। हमारा उद्देश्य यह है कि हम कैसे 25 करोड़ उपयोगकर्ताओं के पास वापस जा सकते हैं और बैंक कैसे छोटे क्रेडिट कार्ड देना शुरू कर सकते है। हम यह भी देख रहे हैं कि कैसे 5 करोड़ व्यापारी क्रेडिट कार्ड लेना शुरू कर सकते हैं। हमें छोटे व्यापारियों का ध्यान रखना होगा और उन्हें व्यापारी छूट दर (एमडीआर) से बचाना होगा। मौजूदा क्रेडिट कार्ड की सेवा लेने वाले व्यापारी भुगतान करना जारी रख सकते हैं।
