दमदार मांग, जबरदस्त नकदी प्रवाह और ऋण बोझ हल्का होने से मैक्रोटेक डेवलपर्स को बिक्री बरकरार रखते हुए लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी। मैक्रोटेक डेवलपर्स बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी है। वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में कंपनी की बुकिंग 194 फीसदी बढ़कर 2,814 करोड़ रुपये हो गई और वह चालू वित्त वर्ष के लिए 11,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सही राह पर अग्रसर है। जून तिमाही में 27 लाख वर्ग फुट की परियोजनाएं लॉन्च करने के बाद कंपनी चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 85 लाख वर्ग फुट की परियोजनाएं लॉन्च करेगी। इस प्रकार वित्त वर्ष 2023 में कुल 1.12 करोड़ वर्ग फुट की परियोजनाएं लॉन्च करेगी। यह मार्च तिमाही के लिए 87 लाख वर्ग फुट के अनुमान से कहीं अधिक है।कंपनी को पूर्व में लोढ़ा समूह के नाम से जाना जाता था। उसने जून तिमाही के दौरान मुंबई, पुणे और बेंगलूरु में तीन संयुक्त विकास समझौता (जेडीए) परियोजनाएं शुरू की। इन परियोजनाओं के तहत कुल बिक्री योग्य क्षेत्र 51 लाख वर्ग फुट है जिसका मूल्य 6,200 करोड़ रुपये है। जेएम फाइनैंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के मनीष अग्रवाल ने कहा, ‘करीब 40,000 करोड़ रुपये का बाजार, खंडित बाजार ढांचा और अनुभवी नेतृत्व को देखते हुए हमें लगता है कि बेंगलूरु बाजार में प्रवेश सही दिशा में उठाया गया कदम है।’ कंपनी अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म को भुना सकती है। वह निजी इक्विटी फर्मों की भागीदारी और 1 अरब डॉलर के उद्यम से देश भर में गोदामों और हल्के औद्योगिक पार्कों का विकास करेगी। इसके लिए करीब 110 एकड़ पलावा भूमि (मुंबई के डोंबिवली में) का उपयोग किया गया है जिसका एंटरप्राइज मूल्य 350 करोड़ रुपये है। ऋण बोझ को हल्का करना कंपनी के लिए सकारात्मक है। उसके भारतीय कारोबार का ऋण बोझ घटकर 8,900 करोड़ रुपये हो गया जो मार्च तिमाही के अंत में 9,300 करोड़ रुपये रहा था। शुद्ध संग्रह कुल खर्च के मुकाबले करीब 440 करोड़ रुपये अधिक हो गया जिससे कंपनी को अपना ऋण बोझ हल्का करने में मदद मिली। कंपनी ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2023 के अंत तक उसका ऋण बोझ घटकर 6,000 करोड़ रुपये रह जाएगा। रिहायशी कारोबार में इस वर्ष अधिक परिचालन अधिशेष और ब्रिटेन में किए गए निवेश से प्राप्त लाभ से ऋण बोझ को हल्का करने में मदद मिलेगी। दमदार नकदी प्रवाह को देखते हुए कंपनी ने एक औपचारिक लाभांश नीति अपनाई है। इसके तहत वित्त वर्ष 2023 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए शुद्ध लाभ का 15 से 20 फीसदी हिस्सा लाभांश भुगतान के लिए अलग किया जाएगा।
