Skip to content
  गुरूवार 1 जून 2023
Trending
May 31, 2023भारत में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मंजूरीMay 31, 20232022-23 में भारत के प्रदर्शन में सुधार, चुनौती बरकरारMay 31, 2023कर्नाटक में अपनी 5 गारंटी पर 45 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी कांग्रेस!May 31, 2023रोजगार निर्माण की आड़ में बिगड़ते संबंधMay 31, 2023नौ साल में वंचितों पर रहा विशेष ध्यान: मोदीMay 31, 2023देश में बढ़ते प्राइवेट निवेश के क्या मायने हैं? जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञMay 31, 2023बाजार में तेजी का रुख रहेगा कायम, उद्योग जगत की आय में ज्यादा कमी के आसार नहीं: विश्लेषकMay 31, 20232023 में 8 बुनियादी उद्योगों की वृद्धि छह महीने में सुस्त पड़कर रह गई 3.5 प्रतिशतMay 31, 2023चीन के दूरसंचार वेंडरों को इजाजत नहीं, भारतीय बाजार से रहना होगा दूरMay 31, 2023जोखिम वाले FPI को करना होगा ज्यादा खुलासा! SEBI ने कहा- बढ़ेगा भरोसा
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
   लेख   मोदी की भाजपा का कैसे हो मुकाबला?
लेख

मोदी की भाजपा का कैसे हो मुकाबला?

adminशेखर गुप्ता— August,01 2022 12:16 AM IST
Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Email

हिंदू-मु​स्लिम संबंधों पर आधारित तीन आलेखों की शृंखला के दूसरे आलेख में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता के पुराने द्वंद्व की नयी परिभाषाओं तथा आगे की राह को लेकर चर्चा हुई थी और हमने एक सवाल उठाया था। क्या जो धर्म के आधार पर ​विभाजित हैं, राजनीति उन्हें एकजुट कर सकती है? यह प्रश्न हमारे उस केंद्रीय तर्क से उभरा कि सन 1989 में वि​भिन्न राज्यों में प्रमुख राजनीतिक श​क्ति के रूप में कांग्रेस के पराभव के बाद भारतीय राजनीति में श​क्ति दो प्रतिस्पर्धी विचारों के बीच आवाजाही करती रही है। एक तो यह कि आप जाति की मदद से उन लोगों को बांट सकते हैं जिन्हें धर्म जोड़ता है जबकि दूसरा यह कि जाति के कारण बंटे हुए लोगों को धर्म एकजुट कर सकता है। करीब 25 वर्ष तक जाति का दबदबा रहा। परंतु 2014 में धर्म देश के बड़े राज्यों में यह लड़ाई जीत गया। यही वजह है कि मथुरा-काशी, ईशनिंदा, कांवडि़या-हाजी या धर्मनिरपेक्ष-सांप्रदायिक जैसे विवाद और बहस सामने आए। नरेंद्र मोदी को इसकी अच्छी समझ है। ध्यान दीजिए कि कैसे वह अपने वैचारिक प्रतिद्वंद्वियों को फंसाने के लिए अपनी पार्टी से जोर देकर कह रहे हैं कि वह देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों (पढ़ें मु​स्लिमों) के भीतर पिछड़े वर्गों और जातियों के बीच पैठ बनाए। यदि उनके प्रतिद्वंद्वियों ने 25 वर्षों तक जाति का इस्तेमाल करके​ हिंदू मतों को बांटा तो अब वह इसी जाति का इस्तेमाल करके मु​स्लिमों को क्यों नहीं बांट सकते? विरोधी की कला का इस्तेमाल करके उसे मात देने का विकल्प तो लड़ाई में उतरे दोनों योद्धाओं को होता है। हाल ही में हैदराबाद में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी ने हवा का रुख भांपने के लिए जो कदम उठाया उस पर पहली ‘धर्मनिरपेक्ष’ प्रतिक्रिया यही थी कि अगर मोदी को लगता है कि वह मुस्लिमों को यह याद दिलाकर उनका वोट ले लेंगे कि वे पसमांदा हैं और अशराफ मु​स्लिम उनका वैसे ही शोषण करते रहे हैं जैसे उच्च वर्ण के हिंदू निचले वर्ग के हिंदुओं का तो उन्हें इसकी शुभकामनाएं। हालिया लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उसने एक भी मु​स्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में नहीं उतारा। कम से कम कोई गंभीर प्रत्याशी मु​स्लिम नहीं था। लेकिन ध्यान दीजिए कि कैसे मध्य प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में उन्होंने बड़ी तादाद में मुस्लिमों को टिकट दिया। मध्य प्रदेश में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में एक दो नहीं बल्कि 92 मु​स्लिम प्रत्याशी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। उन्होंने ज्यादातर स्थानों पर कांग्रेस प्रत्या​शियों को हराया। यदि आप मोदी-शाह की भाजपा के प्रतिद्वंद्वी हैं, उसके पीड़ित या संभावित चुनौती देने वाले हैं तो आप अपनी कीमत पर इन बातों की अनदेखी कर सकते हैं। अगर हिंदू मतों पर भाजपा की पकड़ मजबूत बनी रहती है तो उसके लिए यह बेहतर होगा कि वह लोकसभा सहित अधिक से अ​धिक चुनावों में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे। इससे उसे दोतरफा जीत हासिल होगी। पहली जीत उसे प्रतीकात्मक और आंकड़ों के स्तर पर मिलेगी। वह इस आरोप का जवाब दे सकेगी कि वह मुस्लिम मुक्त है। जबकि यह आरोप सही है। दूसरा, अगर मु​स्लिमों का बहुत छोटा तबका भी उसे वोट देता है तो इससे विपक्ष और कमजोर पड़ जाएगा। मोदी के विरो​धियों को इस चुनौती का सामना करना ही होगा। ऐसे हालात में अगर वे मुस्लिम मतों को एकजुट करने का प्रयास करते हैं तो इससे मोदी का हिंदू जनाधार और मजबूत होगा। कहा जाएगा कि ये सभी लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष अवश्य कहते हैं लेकिन उन्हें अपने मु​स्लिम वोट बैंक की परवाह रहती है। अगर ऐसा नहीं होता तो वे मु​स्लिम मतों के छिटकने की परवाह नहीं करते। इसीलिए हम इसे मोदी का जाल कह रहे हैं। अगर कांग्रेस या अन्य बड़े दल इससे बचते भी हैं तो भी असदुद्दीन ओवैसी, बदरुद्दीन अजमल के दलों जैसे मु​स्लिम दल अन्य राज्यों में भी उभरेंगे। क्योंकि उन्हें केवल मुस्लिम मतों से ही उम्मीद है और उनके पास यह मौका होगा कि वे इन मतों को कांग्रेस, राकांपा, सपा और राजद जैसे परंपरागत दलों से दूर ले जा सकें। कौन जाने वे उसे तृणमूल कांग्रेस से भी दूर कर सकें। मु​स्लिम मतों का यूं बंटवारा केवल भाजपा को मजबूत करेगा। फिर चाहे वे उसे वोट दें या नहीं।  केरल में अगर हैदराबाद से कोई नया प्रतिद्वंद्वी आ जाता है तो इंडियन यूनियन मु​स्लिम लीग का चिंतित होना लाजिमी है। जबकि वह अभी भी यूडीएफ गठबंधन के अनुशासन में बंधी है और कांग्रेस में यह भय बढ़ रहा है कि उसे मु​स्लिम समर्थक के रूप में देखा जा सकता है। तीन तलाक और हिजाब के मसले पर पार्टी की प्रतिक्रिया दे​खिए। जब मोदी सरकार मु​स्लिम परिवारों से जुड़े अन्य कानूनी मसलों पर आगे बढ़ती है मसलन बहुविवाह, तलाक के बाद भरण-पोषण, अल्पसंख्यक संस्थानों को विशेष दर्जा, मदरसा ​शिक्षा आदि को लेकर कदम उठाएगी तब भी उसकी प्रतिक्रिया ऐसी ही होगी। यह एकदम जाहिर बात है। कांग्रेस कैसे प्रतिक्रिया देगी? केरल में उसकी वैचारिक उलझन सबरीमला मसले पर नजर आयी। केरल ऐसे राज्यों में है जहां उसे भाजपा का सामना नहीं करना पड़ता है इसलिए उसके पास अवसर भी है। उलझन यह है कि वह उदारता और धर्मनिरपेक्षता का नारा बुलंद करे और हिंदुओं को नाखुश करने का जो​खिम उठाए या फिर परंपरा का साथ दे? पार्टी ने सबसे बुरा विकल्प चुना और कुछ नहीं कहा। राहुल गांधी ने एक बार लैंगिक समानता की बात की थी और उसके बाद पूरी पार्टी उसे उनका निजी विचार बताती रही। मोदी ने अपने वैचारिक विरो​धियों को एकदम हा​शिये पर पहुंचा दिया है और भारतीय मुस्लिमों का भी वही हाल हुआ है। बीते कुछ सप्ताह में मैंने धर्मनिरपेक्ष तबके के सबसे समझदार माने जाने वाले लोगों से यह सवाल किया कि यहां से आगे की राह क्या है? इस राजनीतिक क्षेत्र के लिए मोदी का मुकाबला कैसे किया जाएगा? आपको आश्चर्य होगा कि उनका मानना है कि धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र का विचार समाप्त हो चुका है। जब हिंदू बहुमत कट्टर हो गया हो तो आप कुछ नहीं कर सकते। कुछ युवा इतने नाराज और नाउम्मीद थे कि उन्होंने कहा कि अब एक ही उपाय है कि अमेरिका, यूरोप या तुर्की का रुख कर लिया जाए। कुछ लोगों के लिए वह वांछित ठिकाना है। अन्य लोगों का कहना है कि एक दिन मोदी के मतदाताओं को गलती का अहसास होगा और वे उन्हें वोट देगे। यह रणनीतिक तौर पर गलत सोच है। कुछ अन्य लोग भी हैं जो न तो विदेश जाना चाहते हैं और न ही अपनी ताकत के साथ लड़ना चाहते हैं। वे हैदराबाद के भाषण का हवाला देते हैं कि मोदी मुसलमानों को संबो​धित कर रहे हैं। वह यह भी जानते हैं कि अगर उन्हें इतिहास में जगह बनानी है तो उनको सामाजिक समरसता कायम करनी होगी। इसलिए उन्हें अरब-इजरायल शैली में मु​स्लिमों के लिए स्थान बनाने दीजिए और बेहतर की आशा कीजिए। मौजूदा राजनीति देश को चाहे जहां ले जाए यह एक चुनावी लोकतंत्र बना रहेगा। कई बार यह अ​धिनायकवादी दिखेगा तो कई बार अराजक लेकिन सबकुछ संविधान के दायरे में रहेगा। यह विचारों और विचारधाराओं का एक खुला मैदान बना रहेगा जहां मजबूत, महत्त्वाकांक्षी और कल्पनाशील म​स्तिष्क प्रतिस्पर्धी राजनीति के जरिए मुकाबला करते हैं। भारत कभी चीन की तरह एक दलीय शासन वाला देश नहीं बनेगा। हमारे यहां इसका विरोध करने वाले बड़ी तादाद में हैं।  2014 के बाद के भारत में बिना पर्याप्त हिंदुओं के समर्थन के भाजपा को कोई नहीं हरा सकता। अब वह दौर समाप्त हो गया जब उनमें से कुछ दलित, यादव, आदिवासी या अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में मतदान करते थे। मोदी को चुनौती देने वाले को हिंदुओं और मु​स्लिमों को एक साथ लाना होगा। हिंदुओं को भी बंटे हुए जातीय समूहों के बजाय एकजुट होकर सामने आना होगा। उन्हें हिंदुओं को यकीन दिलाना होगा कि सामाजिक एकजुटता और संविधान में उ​ल्लि​खित समता उनके और भारत के लिए सबसे बेहतर है। यह भी कि किसी अन्य साथी भारतीय को अलग-थलग करना न केवल एक खराब और गैर हिंदू कवायद है ब​ल्कि यह हमारे राष्ट्रीय हित के लिए भी नुकसानदेह है। यह आसान नहीं है लेकिन सत्ता पाने की को​शिश में कुछ भी आसान नहीं होता।  

Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Email

संबंधित पोस्ट

  • Filter #1
  • More from author
अंतरराष्ट्रीय

US Federal Reserve: इंटरेस्ट रेट में फिर 0.50 फीसदी का इजाफा, 15 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंचीं

December 15, 2022 8:38 AM IST
अर्थव्यवस्था

MPC meet: जानिए RBI Monetary Policy review की मुख्य बातें

December 7, 2022 1:25 PM IST
अर्थव्यवस्था

RBI repo rate hike: लोन लेना हो सकता है और महंगा

December 7, 2022 12:18 PM IST
कंपनियां

Air India लगातार कर रही अपने नेटवर्क का विस्तार, 12 और विमान लीज पर लिए

December 5, 2022 7:23 PM IST
कंपनियां

Apple जल्द Samsung को पछाड़ बन जाएगी भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्यातक !

December 5, 2022 6:58 PM IST
कमोडिटी

सोना 316 रुपये चढ़ा, MCX पर कीमतें 54 हजार के ऊपर

December 5, 2022 1:29 PM IST
कमोडिटी

Rabi Season 2022: चने की बोआई ने पकड़ी रफ्तार

December 2, 2022 1:49 PM IST
आपका पैसा

ITR: अब जल्दी मिलेगा रिफंड, टैक्स के एडजेस्टमेंट में भी आएगी तेजी

December 2, 2022 1:05 PM IST
अन्य

प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़ा फैसला, एक जनवरी से दिल्ली-NCR में नहीं होगा डीजल ऑटो का रजिस्ट्रेशन

December 2, 2022 12:49 PM IST
अन्य

सिंधिया ने दिल्ली हवाई अड्डे पर ‘DigiYatra’ सुविधा लॉन्च की, अब आपका चेहरा ही होगा ‘बोर्डिंग पास’

December 1, 2022 4:14 PM IST
अर्थव्यवस्था

India’s Q2 GDP Growth: दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी की दर से बढ़ी देश की अर्थव्यवस्था

November 30, 2022 5:58 PM IST
अर्थव्यवस्था

Core Sector Growth: अक्टूबर में 8 कोर सेक्टर का उत्पादन घटकर 0.1 फीसदी रहा

November 30, 2022 5:37 PM IST
अर्थव्यवस्था

Fiscal Deficit : अप्रैल-अक्टूबर में बढ़ा फिस्कल डेफिसिट, बजट अनुमान का 45.6 प्रतिशत रहा

November 30, 2022 4:49 PM IST
अर्थव्यवस्था

भारत में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मंजूरी

May 31, 2023 11:48 PM IST
अर्थव्यवस्था

2022-23 में भारत के प्रदर्शन में सुधार, चुनौती बरकरार

May 31, 2023 11:39 PM IST
आज का अखबार

कर्नाटक में अपनी 5 गारंटी पर 45 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी कांग्रेस!

May 31, 2023 11:38 PM IST
आज का अखबार

रोजगार निर्माण की आड़ में बिगड़ते संबंध

May 31, 2023 11:36 PM IST

Trending Topics


  • Market Live Updates
  • Stock Market Today
  • Stocks to Watch Today
  • Tesla
  • Dollar vs Rupee
  • Gold-Silver Price
  • LPSS Payment System
  • Rs 2000 Notes
  • GO First Fights

Latest News


  • भारत में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मंजूरी
    by देवव्रत बाजपेयी
    May 31, 2023
  • 2022-23 में भारत के प्रदर्शन में सुधार, चुनौती बरकरार
    by देवव्रत बाजपेयी
    May 31, 2023
  • कर्नाटक में अपनी 5 गारंटी पर 45 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी कांग्रेस!
    by देवव्रत बाजपेयी
    May 31, 2023
  • रोजगार निर्माण की आड़ में बिगड़ते संबंध
    by देवव्रत बाजपेयी
    May 31, 2023
  • नौ साल में वंचितों पर रहा विशेष ध्यान: मोदी
    by देवव्रत बाजपेयी
    May 31, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60431.00 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60431
380.06%
निफ्टी60431
380%
सीएनएक्स 50014954
130.08%
रुपया-डॉलर82.05
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.6017.08
IDBI Bank51.679.66
Guj. Ambuja Exp265.707.51
Welspun India80.936.40
Chola Financial600.304.48
Graphite India278.304.43
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.2017.07
F A C T320.8012.40
IDBI Bank51.709.77
Guj. Ambuja Exp265.557.66
Welspun India81.156.64
Ingersoll-Rand2763.055.53
आगे पढ़े  

# TRENDING

Market Live UpdatesStock Market TodayStocks to Watch TodayTeslaDollar vs RupeeGold-Silver PriceLPSS Payment SystemRs 2000 NotesGO First Fights
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us