सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव डिश टीवी इंडिया के निदेशक मंडल में गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक के तौर पर शुक्रवार को नियुक्त किया गया। मोहन की नियुक्ति को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय व बोर्ड की नामांकन व पारिश्रमिक समिति ने मंजूरी दी। प्रबंधन पर नियंत्रण के लिए बैंक और कंपनी के संस्थापक गोयल फैमिली के बीच संघर्ष चल रहा है। अभी येस बैंक के पास डिश टीवी की 24.7 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि पूर्व प्रवर्तकों के पास 5.9 फीसदी हिस्सेदारी है। मोहन की नियुक्ति पर कंपनी के शेयरधारकों की मंजूरी ली जानी अभी बाकी है। येस बैंक का पिछले साल से एस्सेल समूह के साथ संघर्ष चल रहा है जब कंपनी ने राइट्स इश्यू के जरिये 1,000 करोड़ रुपये जुटाने का फैसला किया। बैंक ने इस प्रस्ताव पर ऐतराज जताया और कहा कि राइट्स इश्यू उसकी हिस्सेदारी पर असर डालेगा। बैंक ने पांच निदेशकों को बोर्ड से हटाने की मांग की, जो गोयल के करीबी हैं। इनमें से जवाहर गोयल और अशोक कुरियन को क्रमश: प्रबंध निदेशक व निदेशक के तौर पर नया कार्यकाल देने से दो अलग-अलग मौकों पर इनकार किया गया। गोयल को लेकर प्रस्ताव पिछले महीने असाधारण आम बैठक में खारिज हुआ। कुरियन का नामांकन पिछले साल दिसंबर में आयोजित एजीएम में खारिज हुआ। गोयल ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने बैंक के हक में फैसला दिया। पिछले महीने डिश टीवी के प्रबंध निदेशक के तौर पर जवाहर गोयल की दोबारा नियुक्ति के प्रस्ताव के खिलाफ शेयरधारकों के 78.9 फीसदी मत मिले। लेकिन गोयल डिश टीवी के बोर्ड में बने हुए हैं क्योंकि आटिकल ऑफ एसोसिएशन कहता है कि प्रवर्तक कंपनी के बोर्ड में नॉन-रिटायरिंग डायरेक्टर होंगे।
