भारत में इंटरनैशनल बुलियन एक्सचेंज का आगाज | |
विनय उमरजी / गांधीनगर 07 30, 2022 | | | | |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गिफ्ट सिटी गांधीनगर में इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विस सेंटर (आईएफएससी) में एनएसई-आईएफएससी एसजीएक्स कनेक्ट और इंडिया इंटरनैशनल बुलियन एक्सचेंज (आईआईबीएक्स) का उद्घाटन किया।
मोदी ने इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (आईएफएससीए) की 200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे मुख्यालय की आधारशिला भी रखी। साथ ही उन्होंने विदेशी नियामकीय अधिकारियों और अंतरिक्ष विभाग के साथ आईएफएससीए द्वारा सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और डॉ. भगवत कराड, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्य मंत्री कनुभाई देसाई भी गिफ्ट सिटी परिसर में उद्घाटन समारोह के दौरान मौजूद थे।
जब एनएसई-आईएफएससी एसजीएक्स कनेक्ट 4-5 महीने की अवधि में क्रियान्वित हो जाएगा, सिंगापुर एक्सचेंज लिमिटेड (एसजीएक्स) के सदस्यों द्वारा प्लेस किए जाने वाले निफ्टी डेरिवेटिव पर सभी ऑर्डर एनएसई आईएफएससी ऑर्डर मैचिंग और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएंगे।
इसके साथ, एसजीएक्स के 3.65 अरब डॉलर मूल्य के 109,000 अनुबंध निफ्टी वायदा में औसत दैनिक कारोबार एनएसई-आईएफएससी में शामिल होने की संभावना है। कनेक्ट से गिफ्ट-आईएफएससी में डेरिवेटिव बाजारों में तरलता बढ़ने की संभावना है और इससे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय कारोबारियों के जुड़ने और वित्तीय तंत्र पर सकारात्मक असर पैदा होने का अनुमान है। इसी तरह, दुनिया में गिफ्ट सिटी में तीसरा एक्सचेंज आईआईबीएक्स है जो भारतीय सराफा बाजार के लेनदेन को आसान बनाएगा। यह एक्सचेंज अनुभवी आभूषण विक्रेताओं को एक्सचेंज प्रणाली के जरिये सीधे तौर पर स्वर्ण आयात तक पहुंच उपलब्ध कराकर अधिक संगठित तरीके से भारतीय सराफा बाजार को सक्षम बनाएगा। वहीं, भारत का ऐसा पहला बुलियन एक्सचेंज, आईआईबीएक्स सही कीमत निर्धारण और मानकीकरण सुनिश्चित करने, गुणवत्ता आश्वासन और भारत में सोने के वित्तीयकरण को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।
शुक्रवार को गिफ्ट सिटी में आईएफएससी के लिए कई घोषणाएं करते हुए मोदी ने कहा कि वैश्विक वित्तीय सेवाओं को एक सही दिशा देकर भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों के समान हो जाएगा। मोदी ने कहा, '2007-2008 के वैश्विक वित्तीय संकट और उसके बाद पैदा हुईं नीतिगत समस्याओं के दौरान भी गुजरात फिनटेक के क्षेत्र में अच्छी प्रगति कर रहा था।'
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