पिछले साल ग्रामीण भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में 18 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच के इजाफे की तुलना में ज्यादा है, जो वर्ष 2021 में पांच प्रतिशत था। वर्ष 2025 तक देश में 90 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता होंगे। इसका श्रेय ग्रामीण क्षेत्रों तीव्र वृद्धि को जाता है। इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और डेटा एनालिटिक्स कंपनी कैंटार की एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण भारत में अब 35.1 करोड़ या 37 प्रतिशत लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। तेज वृद्धि के बावजूद लगभग 76.2 करोड़ भारतीयों ने अभी तक इंटरनेट नहीं अपनाया है, जिनमें से 63 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र के लोग हैं। ‘इंटरनेट को समझने में मुश्किल’ जागरूकता की कमी के साथ-साथ विशेष रूप से ग्रामीण भारत में प्राथमिक बाधा बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यवार तुलना में गोवा में इंटरनेट की पहुंच सर्वाधिक है, जबकि बिहार में सबसे कम है। रिपोर्ट के अनुसार अगले दो साल में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 20 करोड़ से भी ज्यादा बढ़ जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2025 तक देश में 90 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता होंगे। ऐसा लगता है कि शहरी भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में होने वाली वृद्धि 34.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं और 69 प्रतिशत पहुंच के साथ स्थिर हो गई है। ‘भारत में इंटरनेट’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (लक्षद्वीप को छोड़कर) के 77,000 परिवारों के सर्वेक्षण पर आधारित है। 34.6 करोड़ भारतीय ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान जैसे ऑनलाइन लेनदेन करते हैं, यह अमेरिका की कुल अनुमानित आबादी 33.1 करोड़ से अधिक है। वैश्विक महामारी के दौरान इस लेनदेन में काफी उछाल आई है।
