अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने मंगलवार को कहा कि समूह हरित ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में 70 अरब डॉलर का निवेश करेगा, क्योंकि उन्होंने भारत की ऊर्जा उपस्थिति में तेजी से बदलाव लाने पर जोर दिया है। उन्होंने सूमह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज की सालाना शेयरधारक बैठक में कहा, '70 अरब डॉलर निवेश की प्रतिबद्धता भारत के हरित ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने के प्रति हमारे भरोसे का प्रतीक एवं प्रमाण है। हम सौर विद्युत के दुनिया में सबसे बड़े डेवलपरों में पहले ही शुमार हो चुके हैं। अक्षय ऊर्जा में हमारी दक्षता हमें ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन बनाने के प्रयासों में मददगार बनाएगी।' समूह आयातित तेल एवं गैस पर निर्भर भारत को एक दिन स्वच्छ ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक बनाने की दौड़ का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से भारत की ऊर्जा उपस्थिति में बड़ा बदलाव लाने में मदद मिलेगी। जहां हम अभी प्रमुख वैश्विक अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो से जुड़े हुए हैं, वहीं हमने पिछले 12 महीनों के दौरान कई अन्य उद्योगों में भी शानदार प्रगति की है। अदाणी ने कहा कि हमें भारत में सबसे बड़ा हवाई अड्डा परिचालक बनना होगा। इन हवाई अड्डों को लेकर हम स्थानीय समुदाय आधारित आर्थिक केंद्र तैयार करने के संबद्ध व्यवसाय में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनका समूह भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है, कुछ सबसे बड़े सड़क ठेके हासिल कर रहा है और बंदरगाहों, लॉजिस्टिक, ट्रांसमिशन एवं वितरण, गैस, और पाइप्ड नैचुरल गैस जैसे व्यवसायों में अपनी भागीदारी बढ़ा रहा है। अदाणी विल्मर के हमारे सफल आईपीओ ने हमें देश में सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी बना दिया है। भारत में होल्सिम (जिसमें दो बेहदद प्रख्यात नाम एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स शमिल हैं) के अधिग्रहण के बाद अब हम देश में दूसरे सबसे बड़े सीमेंट निर्माता हैं। अदाणी ने कहा कि इसके अलावा हमने डेटा केंद्र, डिजिटल सुपर ऐप, और इंडस्ट्रियल क्लाउड से लेकर रक्षा एवं एयरोस्पेस, धातु, और मैटेरियल जैसे क्षेत्रों में भी प्रवेश किया है और ये प्रयास सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के अनुरूप हैं। इस साल 60 साल के हो चुके अदाणी ने कहा कि अदाणी परिवार ने स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास, खासकर ग्रामीण भारत पर ध्यान देने वाली कल्याणकारी गतिविधियों के लिए 60,000 करोड़ रुपये का योगदान देने का निर्णय लिया है। अदाणी ने कहा, 'हमारी वृद्धि और सफलता को दुनियाभर में पहचान मिली है। कई देशों की सरकारें अब अपने क्षेत्रों में कार्य करने और अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण में मदद के लिए हमसे संपर्क कर रही हैं। इसलिए वर्ष 2022 में हमने भारत से बाहर भी अपने व्यापक कारोबार विस्तार की संभावना तलाशने के लिए आधार तैयार किया।'
