दर बढ़ोतरी से पहले टूटे बाजार | बीएस संवाददाता / तिरुवनंतपुरम July 27, 2022 | | | | |
फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी से पहले वैश्विक बाजारों में कमजोरी के बीच देसी बेंचमार्क सूचकांकों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स 497 अंक टूटकर 55,268 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी ने 147 अंकों की गिरावट के साथ 16,484 पर कारोबार की समाप्ति की।
फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशकों की अवधारणा ठीक नहीं है और कुछ निवेशक कयास लगा रहे हैं कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक रिकॉर्ड महंगाई पर लगाम कसने, मंदी और बेरोजगारी को देखते हुए 100 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है।
दरों में बढ़ोतरी और आसान मौद्रिक नीति की वापसी ने कंपनियों के लाभ में कमी लाई है और नियुक्तियां बंद हो गई हैं। फेडरल रिजर्व की दरों को लेकर दो दिन की बैठक मंगलवार को शुरू हुई और फैसले की घोषणा बुधवार को होगी।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी से ज्यादा अमेरिकी केंद्रीय बैंक की टिप्पणी पर निवेशकों की नजर रहेगी। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर रुख नरम रहा तो बाजार 100 आधार अंकों की बढ़ोतरी झेल लेगा। लेकिन अगर सख्त टिप्पणी रही तो यह और उतारचढ़ाव लाएगा, जो तब तक बना रहेगा जब तक कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के तनाव से बाहर निकलने से संबंधित आंकड़े न आ जाएं।
पिछले हफ्ते भारतीय बाजारों ने 17 महीनों की सबसे बड़ी उछाल दर्ज की थी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के सकारात्मक रुख से बाजार 4 फीसदी से ज्यादा उछला क्योंकि आशा है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक कम आक्रामक रुख अपनाएगा। हालांकि इस हफ्ते एक बार फिर विदेशी फंड शुद्ध बिकवाल बन गए। मंगलवार को उन्होंने 1,548 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, वहीं देसी संस्थागत निवेशकों ने 999 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, वैश्विक आर्थिक सुस्ती को लेकर चिंता और तेज हुई है क्योंकि वैश्विक कंपनी दिग्गज लगातार अपने भविष्य के अनुमान में कमी ला रहे हैं। आज फेड की बैठक शुरू हुई, जो 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है क्योंकि खास तौर से पश्चिमी बाजारों में मंदी का डर है। देसी बाजार हालांकि मजबूती दिखा रहे हैं, लेकिन पश्चिमी बाजारों का असर तो पड़ेगा ही।
यूरोपीय यूनियन के देशों ने गैस के इस्तेमाल में अगले जाड़े तक 15 फीसदी कटौती का फैसला लिया है क्योंकि रूस से गैस आपूर्ति पूरी तरह खत्म होने की आशंका बढ़ रही है।
फेड के फैसले के अलावा वैश्विक व देसी कंपनी जगत के नतीजे बाजार को दिशा दे सकते हैं। अमेरिकी रिटेलर वॉलमार्ट की तरफ से लाभ को लेकर चेतावनी से भी कुछ अस्थिरता देखने को मिली है। माइक्रोसॉफ्ट, अल्फाबेट, एमेजॉन और ऐपल अपने नतीजे इस हफ्ते सामने रखेंगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, हमें उतारचढ़ाव जारी रहने की संभावना दिखर ही है क्योंकि डेरिवेटिव की एक्सपायरी होने वाली है और वैश्विक घटनाक्रम भी हैं। चूंकि हम मुनाफावसूली देख रहे हैं, ऐसे में अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों के चयन पर ध्यान और गिरावट में उसमें खरीदारी होनी चाहिए।
सेंसेक्स के दो तिहाई से ज्यादा अवयव नुकसान के साथ बंद हुए। इन्फोसिस 3.4 फीसदी टूटा और सेंसेक्स के शेयरों में यह सबसे खराब प्रदर्शन वाला रहा। आईटी दिग्गज ने सेंसेक्स के नुकसान में सबसे ज्यादा योगदान किया। एचयूएल 2.8 फीसदी और ऐक्सिस बैंक मे 3 फीसदी की गिरावट आई। आईटी शेयर सबसे ज्यादा टूटे और आईटी इंडेक्स में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई।
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