वीजा के लिए करना होगा लंबा इंतजार | अनीश फडणीस / July 27, 2022 | | | | |
इमाम परिवार दो महीने से लंदन यात्रा की योजना बना रहा था। उसे उम्मीद थी कि लंदन की यात्रा सुखद रहेगी। पूरी तैयारी हो चुकी थी। बस वीजा का इंतजार था लेकिन परिवार के एक सदस्य का वीजा समय पर नहीं आया। एक फेसबुक पोस्ट पर ट्रैवल कंपनी पनैश वर्ल्ड के निदेशक संजर इमाम कहते हैं, ‘वीजा की वजह से सबकुछ गड़बड़ हो गया। चार सदस्यों के परिवार में से आधे लोग अब लंदन में होंगे जबकि आधे भारत और अमेरिका में।’संजर जैसा ही अनुभव इस वक्त दुनिया में यात्रा करने की योजना बना रहे लोगों को हो रहा है क्योंकि वीजा के लिए सीमित अपॉइन्टमेंट हैं, हवाई किराया बढ़ चुका है और हवाईअड्डों पर भीड़ है।
महामारी से उबरने के इस दौर में कई देशों की सीमाएं खुल रही हैं जिससे मांग में तेजी आई है। लेकिन यूक्रेन युद्ध ने यात्रा की लागत बढ़ा दी है। महामारी के दौरान यूरोप और कनाडा में कई विमानन कंपनियों और हवाईअड्डों के कर्मचारियों की छंटनी हुई थी जिससे कर्मचारियों की कमी हो गई है। वीजा में देरी की समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि विदेश मंत्रालय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा है।
आउटबाउंड टुअर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष गुलदीप सिंह साहनी का कहना है, ‘हम विदेश यात्रा की मांग में तेजी देख रहे हैं लेकिन हम अपने सभी ग्राहकों को सेवाएं देने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि वीजा की चुनौतियां बरकरार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘कारोबार में पूरी तरह सुधार नहीं आया है और यह अब भी महामारी से पहले 60-65 फीसदी के स्तर पर है। दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने सितंबर से पर्यटकों को वीजा के लिए अपॉइन्टमेंट देने की घोषणा की है। लेकिन कुछ आवेदकों को एक साल से ज्यादा इंतजार करना पड़ा है।’
वैश्विक स्तर पर ब्रिटेन की वीजा प्रक्रिया पूरी होने में औसतन सात हफ्ते का वक्त लगता है। हालांकि ब्रिटिश उच्चायोग के एक प्रवक्ता के मुताबिक कुछ आवेदनों में थोड़ा और वक्त लग सकता है। ऑस्ट्रेलिया को 2019 की तुलना में 50 फीसदी से अधिक वीजा आवेदन मिले हैं और वह भारतीय पर्यटकों को सलाह दे रहा है कि वे यात्रा की संभावित तिथि से कम से कम आठ हफ्ते पहले आवेदन करें। दिल्ली में जर्मनी के दूतावास के मुताबिक शेनजेन (कारोबार, पर्यटन) वीजा के लिए सभी आवेदन मध्य सितंबर तक बुक हैं।
कुछ ऐसी ही स्थिति आइसलैंड में भी है। एक शोधकर्ता अगस्त में एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने आइसलैंड जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें पता चला कि सितंबर में ही वीजा के लिए अपॉइन्टमेंट मिल सकता है। ऐसा तब है जब उन्होंने मई से वीजा के लिए कोशिश शुरू कर दी थी। अब वह कॉन्फ्रेंस में नहीं जा पाएंगे।
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता का कहना है कि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि वीजा आवेदन कहां दिए जा रहे हैं और बी1/बी2 वीजा (कारोबार/पर्यटन) के लिए अगला अपॉइन्टमेंट जनवरी 2023 या जुलाई 2023 तक मिल सकता है।
उनका कहना है, ‘हालांकि इस संख्या में अंतर आ सकता है क्योंकि अपॉइन्टमेंट भारत जाते हैं और साक्षात्कार की क्षमता के आधार पर ही नए अपॉइन्टमेंट के मौके बनते हैं। हम सभी वीजा वर्गीकरण के लिए अपॉइन्टमेंट की पेशकश कर रहे हैं। हालांकि वीजा अपॉइन्टमेंट की ज्यादा मांग और दूतावास में सीमित संसाधनों की वजह से इंतजार का समय बढ़ा है। यह स्थिति कुछ वक्त तक बनी भी रह सकती है। हम इंतजार की अवधि कम करने के लिए भरसक कोशिश कर रहे हैं।’
बड़ी चुनौतियां
वीजा पाना केवल एक चुनौती है। महामारी के चलते आजकल पर्यटकों को कई तरह के नियमों और अनुपालन का सामना करना पड़ता है। मिसाल के तौर पर 19 जुलाई से कनाडा ने चार बड़े हवाईअड्डों, कैलगेरी, मॉन्ट्रियल, टोरंटो, वैंकूवर में टीके की पूरी खुराक ले चुके पर्यटकों की कोविड-19 जांच फिर से शुरू की है। दिल्ली की ट्रैवल एजेंसी एयरबोर्न ट्रैवल्स के प्रबंध निदेशक संजय दत्ता का कहना है, ‘जिन लोगों को बिना बाधा यात्रा करने की आदत रही है उनके लिए यह आसान वक्त नहीं है।
यूरोपीय हवाईअड्डों पर बनी भीड़ से यात्रा को लेकर तनाव बढ़ रहा है। वरिष्ठ नागरिक खासतौर पर चिंतित हैं और कुछ लोग अपने टिकट की तारीख बदलने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन ऐसे हालात में भी ग्राहकों को अतिरिक्त लागत उठानी होगी।’ पिछले दिनों लंदन के हीथ्रो हवाईअड्डे पर भीड़ घटाने के मकसद से रोजाना यात्रियों की संख्या 100,000 तक सीमित कर दी गई हैं। यह सीमा 11 सितंबर तक बरकरार रहेगी। यूरोप में दूसरी जगहों पर भी ऐसी ही स्थिति है।
ग्राउंड स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों की कमी से भी कई बड़े यूरोपीय हवाईअड्डों पर अफरातफरी जैसी स्थिति है और क्षमता में कटौती के साथ ही लोगों के सामान के साथ भी गड़बड़ी हो रही है जिससे उड़ान में देरी हो रही है।
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