विपक्ष के लिए मंगलवार का दिन काफी चुनौतियों भरा रहा। एक ओर ‘नैशनल हेरल्ड’ मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर पूछताछ की। वहीं दूसरी ओर नैशनल कान्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर धनशोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल किए गए। इसके साथ ही अनुशासन के आरोपों में हफ्ते के बाकी दिनों के लिए 19 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के खिलाफ 50 कांग्रेस सांसदों के साथ राहुल गांधी ने प्रदर्शन किया। ईडी के सूत्रों ने कहा कि उनके आग्रह पर दोपहर के भोजन के वक्त उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई। हालांकि दो-ढाई घंटे के बाद वह ईडी के समक्ष फिर से मौजूद थीं। राहुल ने कहा, ‘मोदी जी राजा हैं और भारत में पुलिस राज है।’ उन्होंने कहा कि संसद भवन में चर्चा की अनुमति नहीं थी। राहुल ने कहा, ‘मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। हम राष्ट्रपति निवास की ओर जाना चाहत थे। लेकिन पुलिस ने हमें जाने नहीं दिया।’ इस बीच अधिकारी ने जानकारी दी है कि सोनिया गांधी धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए बुधवार को ईडी के सामने फिर से पेश होंगी। मंगलवार को उनसे छह घंटे तक पूछताछ हुई। विभिन्न विपक्षी दलों के सांसदों, मसलन कनिमोई (द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम), सुष्मिता देव (तृणमूल कांग्रेस), डोला सेन सहित अन्य लोगों को सदन के आसन के सामने बदतमीजी करने, नारे लगाने, चर्चा के दौरान व्यवधान पैदा करने पर पूरे हफ्ते के लिए सदन से निलंबित कर दिया। भाजपा के राकेश सिन्हा के भाषण के दौरान ही विपक्षी दलों ने व्यवधान जैसी स्थिति जारी रखी। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत में लोकतंत्र को निलंबित कर दिया गया है। संसद को अंधा कुआं बना दिया गया है।’ डेरेक ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी संसद से ‘भयभीत’हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद से भयभीत हैं। मैं उनसे संसद में आकर सवाल का जवाब देने के लिए कहता हूं।’ ब्रायन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री हर गुरुवार को आधे घंटे के लिए संसद आते हैं और इसे ‘गुजरात जिमखाना’ मानते हैं। ब्रायन राज्यसभा में तृणमूल के नेता हैं। विपक्षी दलों की तरफ से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, ‘बिग ब्रदर का खौफ बरकरार है क्योंकि वह विभिन्न दलों के नेताओं के बीच होने वाले संवाद, बातचीत को सुनता और देखता है। सांसदों और दलों के नेता कई मोबाइल फोन लेकर चलते हैं और अपने नंबर बदलते रहते हैं और मिलने पर फुसफुसा कर ही बातचीत करते हैं। खौफ लोकतंत्र के लिए प्राणघातक साबित हो सकता है।’ हालांकि भाजपा ने अपने कदमों का बचाव भी किया। राहुल गांधी के इन आरोपों के बारे में कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक पुलिस स्टेट बन गया है, भाजपा के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘यह उनकी कल्पनाओं के संसार की मनगढंत बात है।’ वहीं ईडी ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर फारूक अब्दुल्ला और अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए। ईडी ने कहा कि श्रीनगर में विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम अदालत में 4 जून को अभियोजन की शिकायत दायर की गई है। ईडी ने अहसान अहमद मिर्जा और मीर मंजूर गजनाफ्फर और कुछ अन्य को आरोपी बनाया है। अहमद और गजनाफ्फर जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष हैं। ईडी ने कहा कि जेकेसीए के बैंक खातों से संगठन के पदाधिकारियों समेत असंबंध पक्षों के निजी खातों में पैसे स्थानांतरित किए गए।
