दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। हालांकि दिल्ली में मंकीपॉक्स के मरीज के यात्रा करने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। मरीज को मंकीपॉक्स के नोडल अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) में भर्ती कराया गया है। मरीज में बुखार और त्वचा पर घाव जैसे लक्षण दिखने पर भर्ती कराया गया था। अब तक देश में मंकीपॉक्स के कुल चार मामले आए हैं। बाकी तीन मामले केरल से हैं। जिनकी यात्रा करने की कोई जानकारी नहीं है। ये मरीज विदेश से यात्रा कर भारत आए थे। इस बीच केंद्र ने दिल्ली में एक व्यक्ति के मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद रविवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने की और इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। हालांकि दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए व्यक्ति की हालत ‘स्थिर’ है लेकिन उसे दर्दनाक घाव हुए थे। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। मरीज स्थिर है और ठीक हो रहा है। घबराने की जरूरत नहीं है, स्थिति नियंत्रण में है। हमने एलएनजेपी अस्पताल में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया है। हमारी सबसे अच्छी टीम इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए और दिल्ली वालों की रक्षा करने के लिए काम पर है।’ दिल्ली में आज मिले मामले से पहले भारत में पिछले आठ दिन के भीतर वायरस के तीन तीन मामले मिले थे। तीनों विदेश से यात्रा करके लौटे थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि मरीज के नमूने शनिवार को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे भेजे गए और जांच में वह मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आए व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है और वे स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार आइसोलेशन में हैं। तीसरा मामला संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से 6 जुलाई को मलप्पुरम लौटे 35 साल के युवक का है। उसे 13 जुलाई से बुखार है। युवक का इलाज तिरुवनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। भारत में मंकीपॉक्स का पहला मरीज कोल्लम में 12 जुलाई को मिला था। संक्रमित शख्स यूएई से आया था। दूसरा मामला अगले ही दिन कन्नूर में सामने आया, जहां दुबई से आया शख्स इस बीमारी से पीड़ित मिला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। मंकीपॉक्स पर यह डब्ल्यूएचओ की प्रमुख चेतावनी है। वैश्विक स्तर पर 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और इस संक्रमण के कारण अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स को कड़ी निगरानी के जरिए प्रभावी रूप से रोका जा सकता है। संक्रमित व्यक्तियों को पृथक करके और उनके संपर्क में आए लोगों को अलग करके संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाई जा सकती है। वहीं भारत में एक दिन में कोविड-19 के 20,279 नए मामले सामने आए।डब्ल्यूएचओ की चेतावनी दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की क्षेत्रीय निदेशक ने सदस्य देशों से मंकीपॉक्स से निपटने के लिए सतर्कता बढ़ाने और जन स्वास्थ्य से जुड़े कदमों को मजबूत करने का रविवार को आह्वान किया। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि मंकीपॉक्स तेजी से और कई ऐसे देशों में फैल रहा है, जहां पहले इसके मामले सामने नहीं आए थे, जो बड़ी चिंता का कारण है। उन्होंने कहा, ‘संक्रमण के मामले ज्यादातर उन पुरुषों में पाए गए हैं, जिन्होंने पुरुषों के साथ संबंध बनाए। ऐसे में उस आबादी पर केंद्रित प्रयास करके बीमारी को और फैलने से रोका जा सकता है, जिनमें संक्रमण का खतरा अधिक है।’ डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में, मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन भारत में और एक थाईलैंड में पाया गया है। क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, ‘महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे प्रयास और कदम संवेदनशील तथा भेदभाव रहित होने चाहिए।’ डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ए. घेब्रेयसस ने शनिवार को कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना एक ‘असाधारण’ हालात है। भाषा
