केंद्र सरकार राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) को शीघ्र चालू करना चाहती है और सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) के संयुक्त सचिव को भूमि संबंधी विशेष प्रयोजन वाली इस कंपनी के अंतरिम मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) रूप में नियुक्त किया है, जो सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की अतिरिक्त भूमि और इमारतों का मुद्रीकरण करेगी। एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र ने एनएलएमसी के निदेशक मंडल में सरकारी नामितों को नियुक्त किया है, क्योंकि वह पहचान की गई 3,479 एकड़ वाली अतिरिक्त भूमि और भवन परिसंपत्ति के मुद्रीकरण की प्रक्रिया शुरू करना चाहता है। एनएलएमसी के निदेशकों में सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) के अतिरिक्त सचिव राजेश कुमार चौधरी, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम), आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के संयुक्त सचिव तथा आवास और शहरी मंत्रालय और उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) तथा भारी उद्योग विभाग के नामित सदस्य शामिल हैं। एनएलएमसी के लिए केंद्र द्वारा अंतिम रूप से तैयार की गई रूपरेखा के अनुसार इसके निदेशक मंडल में 13 निदेशक होंगे, जिनमें से सात सरकारी अधिकारी होंगे और छह निजी क्षेत्र के होंगे। एनएलएमसी के पूर्णकालिक मुख्य कार्याधिकारी और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति शुरू प्रक्रिया शुरू करने के लिए मानव संसाधन संबंधी नीतियों को मंजूरी देने की खातिर एनएलएमसी का निदेशक मंडल जल्द ही बैठक आयोजित करेगा। निदेशक मंडल निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित पेशेवरों का चयन करने के लिए दिशानिर्देशों और मानदंडों को अंतिम रूप देगा।
