देश की सबसे बड़ी स्टील उत्पादक जेएसडब्ल्यू स्टील का एकीकृत कर पश्चात लाभ जून में समाप्त पहली तिमाही में 839 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 5,900 करोड़ रुपये के मुकाबले काफी कम है। कच्चे माल की लागत में इजाफा, निर्यात कर के कारण कम बिक्री आदि का लाभ पर असर पड़ा। पिछली तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 3,343 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी के कच्चे माल की लागत तिमाही में 10,831 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 25,597 करोड़ रुपये पर पहुंच गई क्योंकि कोकिंग कोल की उच्च कीमत प्रभावी हो गई। कंपनी का कुल परिचालन राजस्व सालाना आधार पर 31.77 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 38,086 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी वित्त वर्ष 23 के लिए पूंजीगत खर्च घटाने को बाध्य हुई है। कंपनी ने कहा कि साल के लिए उसका पूंजीगत खर्च 15,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि पहले 20,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनी थी। वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में कंपनी का पूंजीगत खर्च 3,702 करोड़ रुपये रहा। जेएसडब्ल्यू ने कहा, देसी स्टील उद्योग पर घटती वैश्विक कीमतों और मई 2022 में कुछ स्टील निर्यात पर लगाए गए 15 फीसदी कर का असर पड़ा है। इसके अलावा निर्यात में तिमाही आधार पर 26 फीसदी गिरावट का भी इस पर असर पड़ा। भारत में स्टील का उपभोग तिमाही आधार पर 5.6 फीसदी घट गया। वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में कंपनी के उत्पादन क्षमता इस्तेमाल पर असर पड़ा क्योंकि उसने संयंत्र बंदी कुछ पहले कर ली। तिमाही में औसत उत्पादन क्षमता इस्तेमाल 93 फीसदी रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 98 फीसदी रहा था। कंपनी ने हालांकि 50 लाख सालाना क्षमता वाले डोलवी फेज-2 का विस्तार जारी रखा और कहा कि यह वॉल्यूम में इजाफा को सहारा देगा क्योंकि आगामी तिमाहियों में मांग में सुधार होगा। जेएसडब्ल्यू को लगता है कि स्टील उत्पादों पर निर्यात शुल्क अस्थायी होगा, जिसे महंगाई पर लगाम कसने के लिए लगाया गया है।
