जून में समाप्प्त तिमाही में निजी क्षेत्र की ऋणदाता आईडीबीआई बैंक का शुद्ध लाभ 25 फीसदी बढ़कर 756 करोड़ रुपये हो गया। प्रावधानों और आकस्मिक देनदारी में भारी गिरावट के कारण ऐसा हुआ है। पिछली समान अवधि में बैंक को 603 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आज बंबई स्टॉक एक्सचेंज में बैंक का शेयर 2.6 फीसदी बढ़कर 37.10 रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया। भारतीय जीवन बीमा निगम और केंद्र सरकार के बहुलांश हिस्सेदारी वाला ऋणदाता रणनीतिक विनिवेश के लिए उपयुक्त है। ऋणदाता की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) में वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एक फीसदी गिरावट दर्ज की गई। पिछली समान अवधि में जहां बैंक को 2,506 करोड़ रुपये की शुद्ध ब्याज आय प्राप्त हुई थी, वहीं इस बार यह घटकर 2,488 करोड़ रुपये ही रही। जबकि मार्च 2022 में खत्म हुई तिमाही में एनआईआई तीन फीसदी बढ़कर 2,421 करोड़ रुपये थी। आंकड़ों के अनुसार बैंक की शुद्ध ब्याज मार्जिन में साल की पहली तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है। इस तिमाही यह 4.02 फीसदी है जो पिछली समान अवधि में 4.06 फीसदी थी, लेकिन पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही 3.97 फीसदी से बढ़ी है। तिमाही के दौरान बैंक ने संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड से अपनी 19.18 फीसदी की पूरी हिस्सेदारी एवन्यू इंडिया रिसर्जेंस प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी। इससे उसे 2361.48 करोड़ रुपये मिले जिससे 2140.66 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। अन्य स्रोतों से अर्जित आय भी इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 34 फीसदी घटकर 1,140 करोड़ रुपये ही रही। जबकि पिछली समान अवधि में यह 1,731 करोड़ रुपये थी। हालांकि वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 844 करोड़ से 35 फीसदी बढ़ी रही। जून 2022 में बैंक के प्रावधान और आकस्मिकताएं 48 फीसदी गिरकर 959 करोड़ रहीं। जबकि पिछले वित्त वर्ष की तिमाही में यह 1,844 करोड़ थी। हालांकि मार्च में खत्म हुई तिमाही से 43 फीसदी बढ़ी। बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। जून 2021 में जीएनपीए 22.7 फीसदी थी, जो मार्च 2022 में घटकर 20.16 फीसदी रही और इस साल की पहली तिमाही में इसमें और गिरावट हो कर यह 19.9 फीसदी के करीब पहुंच गई है। शुद्ध एनपीए में भी इस तिमाही 1.25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई जो पिछले वर्ष 1.67 फीसदी थी और बीषे वित्त वर्ष की चौथी तिमाही को 1.36 फीसदी दर्ज की गई थी। बैंक के प्रबंध निदेशक व सीईओ ने कहा कि बैंक 4000 करोड़ रुपये के दबावग्रस्त ऋण की वसूली पर ध्यान दे रहा है जिससे सकल गैर-निष्पादित संपत्तियां में 15 फीसदी की कमी आएगी और यह मार्च 2023 तक शुद्ध गैर-निष्पादित संपत्तियां को 1.25 फीसदी तक कम रखेगा। प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) में हल्की वृद्धि होकर इस तिमाही 97.79 फीसदी रही, जो पिछले साल 97.42 फीसदी थी और मार्च में खत्म हुई तिमाही में 97.63 फीसदी थी।पीवीआर को 53 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ भारत की सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स ऑपरेटर पीवीआर ने दो साल की सुस्ती के बाद पहली बार मुनाफा दर्ज किया है। कंपनी को अप्रैल-जून तिमाही में मजबूत बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से मदद मिली है। पीवीआर ने जून में समाप्त तिमाही में 53.2 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जबकि पूर्ववर्ती तीन महीनों में उसे 105.49 करोड़ रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ा था। कंपनी ने गुरुवार को अपने तिमाही नतीजे जारी किए हैं। कंपनी का राजस्व ब्लूमबर्ग के 905.3 करोड़ रुपये के अनुमान के मुकाबले 83 प्रतिशत बढ़कर 981.4 करोड़ रुपये पर रहा। यह वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही या महामारी पूर्व अवधि के मुकाबले 13 प्रतिशत बढ़ा। एबिटा 3.42 गुना बढ़कर पहली तिमाही में 341.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो ब्लूमबर्ग द्वारा जताए गए 323.3 करोड़ रुपये के अनुमान से अधिक है। जून तिमाही में मार्जिन 34.8 प्रतिशत पर रहा। औसत टिकट कीमत और प्रति दर्शक खर्च अप्रैल-जून अवधि के दौरान 250 रुपये और 134 रुपये पर दर्ज किए गए। शुद्ध बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पहली तिमाही में महामारी-पूर्व अवधि के मुकाबले 16 प्रतिशत तक चढ़कर 530.2 करोड़ रुपये रहा। पीवीआर के मुख्य वित्तीय अधिकारी नितिन सूद ने कहा कि कंपनी मौजूदा वित्त वर्ष में 125 स्क्रीन खोलने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। हिंदुस्तान जिंक का शुद्ध लाभ 56 फीसदी बढ़ा वेदांत समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 55.9 फीसदी बढ़कर 3,092 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। धातुओं के दाम बढ़ने से कंपनी का मुनाफा बढ़ा है। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने कहा, ‘जून तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 3,092 करोड़ रुपये रहा। भाषा
