वाणिज्यिक बैंकों ने हाल में हुई एक बैठक में आरबीआई से बॉन्ड पोर्टफोलियो के हेल्ड-टु-मैच्युरिटी (एचटीएम) हिस्से पर नई व्यवस्था का समय मार्च 2023 से आगे बढ़ाए जाने का अनुरोध किया है। बैंकों ने पोर्टफोलियो में प्रतिभूतियों के बड़ी संख्या रखने की अनुमति मांगी है। इन घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी ने कहा, 'बैंक कुछ और एचटीएम चाहते हैं और इसे लेकर कुछ और स्पष्टता चाहते हैं कि इस समय-सीमा को आगे बढ़ाया जाएगा। फिलहाल यह व्यवस्था मार्च 2023 तक है। सवाल यह है कि यदि बैंक मार्च 2023 के बाद बॉन्ड खरीदता है तो उस स्थिति में क्या होगा? यह मार्क्ड-टु-मार्केट (एमटीएम) होगा और स्थिति चुनौतीपूर्ण बन जाएगी।' अधिकारी ने कहा कि कई पीएसयू बैंक सूचीबद्ध हैं, इसलिए तिमाही प्रदर्शन को लेकर चिंता बनी हुई है। अप्रैल, 2022 में आरबीआई ने जमाओं की मौजूदा 22 प्रतिशत एचटीएम सीमा बढ़ाकर 23 प्रतिशत की और बैंकों को 23 प्रतिशत की बढ़ी हुई सीमा के तहत खरीदारी की अनुमति दी। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि 23 प्रतिशत की एचटीएम सीमा चरणबद्ध तरीके से घटाकर 19.5 प्रतिशत की जाएगा और इसकी शुरुआत 30 जून, 2023 में समाप्त होने वाली तिमाही से होगी। एचटीएम बहीखाता बॉन्ड नुकसान के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है, क्योंकि पोर्टफोलियो में शामिल प्रतिभूतियां एमटीएम से अलग होती हैं।
