रिलायंस जियो 5जी के वे ‘इस्तेमाल’ तलाश रही है, जिनसे कमाई की जा सकती है। इस दिशा में अहम कदम उठाते हुए कंपनी ने भारत में ही विकसित अपने 5जी स्टैंडअलोन कोर ऐंड न्यू रेडियो पर 25 उपयोग आजमाए हैं। इनके परीक्षण उसके अपने 5जी परीक्षण नेटवर्क पर जामनगर और मुंबई में 100 दिनों तक किए गए। इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि जियो ने अपने संभावित 5जी ग्राहकों को ‘मार्केट प्लेस’ मॉडल में बड़े पैमाने पर ये 5जी सेवाएं देने की तैयारी की है। उपभोक्ता क्षेत्र में आपको शायद दोतरफा होलोग्राफिक संचार की दुनिया में प्रवेश करने या 5जी नेटवर्क पर तात्कालिक यानी रियल-टाइम इमर्सिव वर्चुअल रियलिटी बैठक करने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। साथ ही रिटेल क्षेत्र में आप वर्चुअल खरीदारी का अनुभव ले सकेंगे और 8के तथा 4के अल्ट्रा हाई डेफिनिशन स्ट्रीमिंग वीडियो के साथ जियो टीवी का लुत्फ भी आप जल्द ही उठा सकेंगे। आपको 5जी पर रियल-टाइम एआई चैटबॉट, प्रतिष्ठित संग्रहालयों के वर्चुअल टूर, बहुत से खिलाड़ियों वाली वर्चुअल रियलिटी गेमिंग और फिक्स्ड वायरलेस सेवा मुहैया कराई जाएगी। उद्योग को दूरसंचार नेटवर्क की इस चौथी पीढ़ी यानी 5जी के लिए तैयार करने के मकसद से कंपनी ने वेयरहाउस ऑटोमेशन क्षेत्र में उद्योग के लिए रोबोटिक्स का बिजली प्रबंधन के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स का परीक्षण किया है। इसी तरह सर्वे रिपोर्ट और हवाई रास्ते से सामान पहुंचाने के लिए 5जी से जुड़े ड्रोन्स आजमाए हैं , चालक रहित वाहन चलाए हैं और औद्योगिक प्रशिक्षण के लिए 5जी पर संबद्ध ऑगमेंटेड रियलिटी का परीक्षण किया है। जियो ने 5जी पर नेटवर्क को अलग-अलग टुकड़ों में बांटने का परीक्षण किया है, जिससे अलग-अलग उद्यमों के लिए सुरक्षित और जरूरत के मुताबिक नेटवर्क मुहैया कराने में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में 5जी आधारित अस्पताल के कमरों के लिए अल्ट्रा-वॉयलेट रोगाणुनाशक रोबोट, टेली ऑपरेटेड अल्ट्रासाउंड रोबोट, अस्पताल के अंदर रोबोट, टेली -ईसीयू और स्वास्थ्य में ड्रोन के जरिये आपूर्ति का परीक्षण किया गया है। रिलायंस जियो के प्रवक्ता ने इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। जियो से जुड़े सूत्रों ने कहा कि 5जी के उपयोग की फेहरिस्त आने वाले समय में और बढ़ेगी। कंपनी ने अपने साथ गठजोड़ के लिए स्टार्टअप के अलावा सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस (सास) कंपनियों को आमंत्रित करने का फैसला लिया है। दूरसंचार कंपनियों के लिए नए उपयोग आजमाना राजस्व बढ़ाने में अहम साबित हो सकता है। दूरसंचार कंपनियों की शिकायत है कि उनकी 5जी की शुरुआत 4जी की तुलना में काफी धीमी रह सकती है। इसकी वजह यह है कि ऐसे नए उपयोग नहीं तलाशे गए हैं, जिनसे उपभोक्ता 5जी को हाथोहाथ लपक लें और अतिरिक्त राजस्व या डेटा की ज्यादा खपत के जरिये कंपनियों के औसत राजस्व प्रति ग्राहक (एआरपीयू) में इजाफा हो। जियो भी अन्य कंपनियों की तरह इस समस्या से निपटने की कोशिश कर रही है। दुनिया भर में 5जी के दो उपयोग तेजी से बढ़ रहे हैं। पहला फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस है जिसमें घर तक फाइबर के जरिये ब्रॉडबैंड पहुंचाने के बजाय घर के बाहर 5जी वायरलेस लगाकर ब्रॉडबैंड से जोड़ दिया जाता है। सड़क खोदकर फाइबर के जरिये इमारत तक ब्रॉडबैंड पहुंचाने में बहुत समय लग जाता है क्योंकि अक्सर मंजूरी नहीं मिलतीऔर भीड़ भरे रास्ते पर खुदाई भी धीमे होती है। इस समय जियो और एयरटेल फाइबर के जरिये केवल 1.2 करोड़ घरों तक पहुंच पाई हैं, जबकि बाजार बहुत बड़ा है क्योंकि 10 करोड़ लोग भुगतान कर टीवी देखते हैं और वे सभी 5जी ग्राहक बन सकते हैं। दूसरा क्षेत्र वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी के जरिये उपयोगों को बढ़ाना है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में एक साल में मिलीमीटर बैंड फोन आने के आसार हैं। इससे वर्चुअल खरीदारी, इमर्सिव वर्चुअल रियलिटी बैठकें भी 5जी मोबाइल फोन पर संभव हो सकती हैं।
