मंदी का डर कम, बाजार में दिखा दम | सुंदर सेतुरामन / तिरुवनंतपुरम July 19, 2022 | | | | |
फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति में सख्ती के प्रति रुख नरम होने के संकेत और चीन द्वारा मुश्किल दौर से गुजर रहे अपने रियल एस्टेट क्षेत्र को नीतिगत मदद देने से निवेशकों का मनोबल बढ़ा है। इससे दुनिया भर के बाजारों में तेजी देखी गई।
वैश्विक बाजारों में बढ़त से संकेत लेकर सेंसेक्स 760 अंक या 1.4 फीसदी चढ़कर 54,521 पर बंद हुआ। निफ्टी 229 अंक या 1.43 फीसदी की बढ़त के साथ 16,278 पर बंद हुआ। यह निफ्टी में 21 जून के बाद सबसे अधिक बढ़त है। बेंचमार्क सूचकांकों में करीब एक महीने में एक दिन में आई यह सबसे बड़ी उछाल है। बीएसई में सूचीबद्ध शेयरों का बाजार पूंजीकरण 3.4 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 255 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
अमेरिका में उम्मीद से बेहतर खुदरा बिक्री के आंकड़ों और महंगाई के अनुमानों में गिरावट से निवेशकों को दर में बढ़ोतरी को लेकर कुछ राहत दी है। अमेरिकी उपभोक्ताओं के लंबी अवधि के महंगाई के अनुमानों में जुलाई में गिरावट आई है। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिकी उपभोक्ताओं का अनुमान है कि अगले 5 से 10 साल के दौरान महंगाई में सालाना बढ़ोतरी 2.8 फीसदी रहेगी, जो जून 3.1 फीसदी के अनुमान के मुकाबले कम है।
अमेरिका में खुदरा बिक्री में जून में तगड़ा सुधार आया है, जिससे जल्द मंदी आने का डर कम हुआ है। अमेरिका में खुदरा महंगाई 9.1 फीसदी के 40 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने माना था कि फेडरल रिजर्व दर में 100 आधार अंक की बढ़ोतरी करेगा। लेकिन बिक्री के आंकड़े सुधरने और लंबी अवधि के महंगाई के अनुमानों में गिरावट से दर में बड़ी बढ़ोतरी की चिंताएं कम हुई हैं।
इस बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि चीन के नियामक ने बैंकों से डेवलपरों की कर्ज की जरूरतें पूरी करने का आग्रह किया है। चीन में घर खरीदारों ने बिना तैयार मकानों को गिरवी रखकर कर्ज देने का देशव्यापी बहिष्कार किया है, जिसके बाद वहां के प्राधिकरणों ने यह कदम उठाया है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अजित मिश्रा ने कहा, ‘देसी बाजार वैश्विक बाजारों, खास तौर पर अमेरिकी बाजारों की चाल चल रहे हैं, जबकि वृहद आर्थिक आंकड़ों और आमदनी के आंकड़ों जैसे घरेलू कारकों से उठापटक हो रही है।’
रुझान सुधरने के बावजूद इक्विटी बाजारों और वैश्विक अर्थव्यवस्था को परिदृश्य निराशाजनक बना हुआ है।
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