यात्रियों की लंबी कतार, सामान पहुंचने में देर जैसी दिक्कतें देखकर लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे ने रोजाना केवल 1 लाख लोगों को उड़ान भरने देने का फैसला किया है। यात्रियों की संख्या पर इस बंदिश से लंदन और भारत के बीच उड़ानों पर असर पड़ा है। वर्जिन एयरलाइंस ने आज लंदन से दिल्ली की अपनी सुबह की उड़ान रद्द कर दी। एयर इंडिया ने भी लंदन-अहमदाबाद उड़ान को कई घंटे आगे बढ़ा दिया। हीथ्रो हवाईअड्डे पर यह बंदिश 11 सितंबर तक रहेगी, जिससे अगले दो महीने तक दोनों देशों के बीच हवाई यातायात कम रह सकता है। हीथ्रो बिटेन का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और इस पर यात्रियों की संख्या कम करने का फैसला इसलिए किया गया है क्योंकि मुसाफिरों की तादाद बढ़ने से हवाईअड्डा प्रशासन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हीथ्रो हवाई अड्डे के इस निर्णय से कई विमानन कंपनियों को अपनी उड़ानें रद्द करनी पड़ रही हैं और कुछ को उनका समय बदलना पड़ रहा है या ब्रिटेन के किसी अन्य हवाई अड्डे की ओर उड़ान भेजनी पड़ रही है। भारत और लंदन के बीच एयर इंडिया, विस्तारा, ब्रिटिश एयरवेज और वर्जिन अटलांटिक की उड़ानें रोजाना आती-जाती हैं। एयर इंडिया हर हफ्ते लंदन के लिए 33 उड़ान और बर्मिंघम के लिए हफ्ते में एक उड़ान चलाती है। इसी तरह विस्तारा की रोजाना एक उड़ान दिल्ली से लंदन के लिए जाती है। हीथ्रो ने विमानन कंपनियों से 25 जुलाई तक कुछ उड़ानें रद्द करने को कहा है। विमानन कंपनियां उड़ानों का समय बदलकर कम से कम उड़ानें रद्द करने की गुंजाइश तलाश रही हैं। विमानन कंपनी ने बयान में कहा, ‘एयर इंडिया ने टिकट बिक्री में सीटों की संख्या समिति करने की बात कही है। लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि इसका कितना असर पड़ेगा।’ विस्तारा के प्रवक्ता ने कहा कि उसके पास लंदन हीथ्रो परिचालन को लेकर जानकारी नहीं है। वर्जिन अटलांटिक ने कहा कि प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों के टिकट दिए जाएंगे। दुबई की एमिरेट्स एयरलाइंस का कहना है, ‘प्रभावित यात्रियों की बड़ी संख्या देखते हुए दोबारा टिकट बुक करना असंभव होगा क्योंकि अगले कुछ हफ्तों के लिए सभी उड़ानों की सीटें पूरी तरह बुक हो चुकी हैं।’ कंपनी ने कहा कि अगली सूचना तक तक एमिरेट्स की पहले की ही तरह लंदन के लिए उड़ान जारी रखने की योजना है। इस बीच हीथ्रो हवाईअड्डा के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम विमानन कंपनियों के साथ मिलकर उड़ानें इस तरह चलाने की कोशिश कर रहे हैं कि यात्रियों की संख्या उपलब्ध क्षमता से अधिक न हो। यह कदम यात्रियों को बेहतर सुविधा और सुरक्षित यात्रा अनुभव देने के लिए उठाए जा रहे हैं।’
