निजी क्षेत्र के कर्जदाता इंडसइंड बैंक ने बुधवार को कहा कि कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुछ इकाइयों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है, जिसमें बैंक के कर्मचारी भी शामिल हैं। चेन्नई सीसीबी-1 पुलिस थाने में 9 जुलाई को दर्ज प्राथमिकी के बारे में इंडसइंड बैंक ने बुधवार को एक्सचेंज को सूचित किया। इसमें कहा गया है कि जिन कंपनियों की जांच की जा रही है, उन्हें बैंक ने कोई कर्ज नहीं दिया है। इंडसइंड बैंक ने कहा है कि ईडी का चेन्नई जोनल ऑफिस 2011 से 2014 के बीच आयात से हुए लेनदेन के रेमिटेंस में कथित गड़बड़ी को लेकर कुछ इकाइयों की जांच कर रहा था। निजी क्षेत्र के बैंक ने कहा, ‘बैंक ने स्वतः संज्ञान में लेकर नियामकीय प्राधिकारियों के पास संदेहास्पद लेन देन रिपोर्ट (एसटीआर) दाखिल की थी, जिसमें इनमें से कई इकाइयां इस दौरान कामकाज में लगी थीं। बैंक ने कुछ संदेहास्पद इकाइयों के खिलाफ 2015 में पुलिस प्राधिकारियों के पास भी शिकायत दर्ज कराई थी।’ इंडसइंड बैंक ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर 2015 में इस मामले की जांच की और कर्जदाता पर जुर्माना लगाया। इसने कहा कि इस मामले से जुड़े तमाम कर्मचारी पहले ही बैंक छोड़ चुके हैं। इंडसइंड बैंक ने कहा है, ‘बैंक कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पूरी तरह से सहयोग जारी रखेगा और अगर कोई नामित कर्मचारी दोषी पाया जाता है और यह पता चलता है कि उसने जानबूझकर कोई अवैध लेन-देन कराया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’
