रिलायंस कैपिटल की तरफ से जारी 3,400 करोड़ रुपये के बॉन्ड में एलआईसी ने निवेश किया था और अब उसे बेचने की बीमा दिग्गज की योजना है, पर परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ली। इसके लिए अभिरुचि पत्र जमा कराने की समयसीमा आज समाप्त हो गई। सूत्रों ने कहा कि एआरसी को दिवालिया फर्म का बॉन्ड खरीदना आकर्षक नहीं लगा, इसलिए उन्होंने अभिरुचि पत्र जमा नहीं कराया। एक सूत्र ने कहा कि आईडीबीआई कैपिटल (जिसे बॉन्ड बेचने का का काम सौंपा गया है) इसकी समयसीमा बढ़ाकर 22 जुलाई करेगा। अभिरुचि पत्र के बाद इस बॉन्ड की बिक्री की लिए नीलामी होगी। रिलायंस कैपिटल को पिछले साल नवंबर में दिवालिया अदालत में घसीटा गया जब कंपनी ने एलआईसी व अन्य बैंकों और प्रॉविडेंट फंडों समेत लेनदारों के कर्ज भुगतान में चूक की। रिलायंस कैपिटल के बॉन्ड की ट्रेडिंग अभी कीमत के मुकाबले 70 फीसदी छूट पर हो र ही है और इसने निवेशकों को काफी नुकसान पहुंचाया है। अगर एलआईसी या अन्य निवेशकों को बाजार में यह बॉन्ड बेचना पड़े तो उन्हें अपने निवेशका सिर्फ 30 फीसदी ही मिल पाएगा। एलआईसी समेत अन्य लेनदारों ने रिलायंस कैपिटल के खिलाफ 23,666 करोड़ रुपये का दावा किया है। चूंकि परिसंपत्ति बिक्री में देर हो रही है, ऐसे में एलआईसी ने परिसंपत्ति पुनर्गठन फर्मों से बॉन्ड के लिए बोली मांगी।
