सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए निवेश करने वाले निवेशकों के नए खातों की संख्या जून में घट गई क्योंकि दो साल में पहली बार 12 महीने का रिटर्न नकारात्मक हो गया। यहां तक कि बंद होने वाले एसआईपी खाते की संख्या भी बढ़ी। नए पंजीकृत एसआईपी खातों की संख्या 17.9 लाख रही, जो मई में करीब 20 लाख रही थी। यह जानकारी उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से मिली। जून 2021 से नए एसआईपी खातों का पंजीकरण हर महीने 20 लाख से ज्यादा रहा है। एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, एसआईपी खाताधारक सतर्क हो गए हैं। पिछले तीन महीने में बाजार में काफी उतारचढ़ाव देखने को मिला है और इसमें गिरावट का रुख है। ऐसे में एसआईपी निवेशकों की सतर्कता स्वाभाविक है। हम एसआईपी निवेशकों को सुझाव देना चाहेंगे कि वे बाजार का अनुमान न लगाएं और लक्ष्य आधारित अपने निवेश पर ध्यान बनाए रखें। बंद किए गए एसआईपी खाते या जिनकी अवधि पूरी हो गई है, वैसे खातों की संख्या भी बढ़कर 11.4 लाख हो गई, जो जनवरी के बाद का सर्वोच्च स्तर है। पिछले कुछ महीनों में भारतीय इक्विटी में काफी उतारचढ़ाव रहा है, जिसकी वजह बढ़ती महंगाई, कच्चे तेल की ऊंची कीमतेों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लगातार हो रही बिकवाली को लेकर चिंता थी। पिछले महीने एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स करीब 4.6 फीसदी लुढ़क गया, वहीं एसऐंडपी बीएसई मिडकैप इंडेक्स और एसऐंडपी बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमश: 6.18 फीसदी व 6.01 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। तीनों सूचकांक माह के दौरान तीन महीने के अपने-अपने निचले स्तर पर आ गए, जिसकी वजह से एक साल का रोलिंग रिटर्न नकारात्मक हो गया। विशेषज्ञों ने कहा कि हालिया रिटर्न की वजह से ही बाजार में होने वाले निवेश पर असर पड़ा है। नए एसआईपी खाते खुलने की रफ्तार में नरमी के बावजूद इसके जरिये होने वाला निवेश मजबूत बना हुआ है। एसआईपी के जरिए जून में 12,276 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो मई के 12,286 करोड़ रुपये के मुकाबले थोड़ा कम है। एसआईपी खातों की संख्या जून में अब तक के नए उच्चस्तर 5.54 करोड़ हो गई, जो पहले 5.48 करोड़ थी। एसआईपी के तहत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) जून 2022 के आखिर में 5.51 लाख करोड़ रुपये रही। एसआईपी के जरिए लगातार हो रहे सकारात्मक निवेश से कुल इक्विटी निवेश को सहारा मिला है, जिससे एफपीआई की तरफ से हो बिकवाली की भरपाई करने में मदद मिली है। जून में इक्विटी फंडों में 15,498 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में इक्विटी फंडों में शुद्ध निवेश करीब 50,000 करोड़ रुपये रहा। उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि अगर बाजार अगले कुछ महीने तक अस्थिर रहता है तो इक्विटी फंडों पर इसका असर दिखेगा और इसमें निवेश की रफ्तार धीमी पड़ सकती है।
