निफ्टी कंपनियों का मुनाफा होगा दमदार | कृष्ण कांत / मुंबई July 10, 2022 | | | | |
देश की प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों की आय चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में दो अंक में बढ़ने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में कम आधार और तेल एवं गैस दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा ओएनजीसी की आय में तेज बढ़ोतरी का इन्हें लाभ मिलेगा। मगर कमजोर मांग, जिंसों के दाम घटने तथा ब्याज दरें बढ़ने से सूचीबद्ध कंपनियों की आय में जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाबले कमी देखी जा सकती है।
विभिन्न ब्रोकरेज के अनुमान के मुताबिक सूचीबद्ध कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा साल भर पहले की तुलना में 32.8 फीसदी बढ़कर 1.43 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। मगर तिमाही-दर-तिमाही कमाई 8.5 फीसदी घट सकती है। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में इन कंपनियों का मुनाफा रिकॉर्ड 1.57 लाख करोड़ रुपये था।
ब्रोकरेज को उम्मीद है कि ऊंची मुद्रास्फीति और उत्पादों के दाम बढ़ने से पहली तिमाही में कंपनियों की आय में जोरदार इजाफा हो सकता है। ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि निफ्टी कंपनियों की समेकित शुद्ध बिक्री चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 34.8 फीसदी बढ़कर 11.58 लाख करोड़ रुपये रह सकती है।
बीएफएसआई, तेल एवं गैस तथा खनन एवं धातु जैसे चक्रीय क्षेत्र छोड़ दें तो निफ्टी कंपनियों की समेकित कमाई 27.7 फीसदी बढ़ेगी, जबकि उनकी शुद्ध बिक्री सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़ सकती है। हालांकि निफ्टी में इन चक्रीय क्षेत्रों की कंपनियों की हिस्सेदारी ज्यादा है। ऐसे में समेकित शुद्ध मुनाफे में इन कंपनियों का योगदान 61 फीसदी और कुल आय में योगदान 56 फीसदी होता है।
यह विश्लेषण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए येस सिक्योरिटीज, मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी, इलारा कैपिटल, सेंट्रम ब्रोकिंग और प्रभुदास लीलाधर जैसे ब्रोकरेज के अनुमानों पर आधारित है। बिजनेस स्टैंडर्ड का विश्लेषण 47 निफ्टी कंपनियों के आंकड़ों पर आधारित है, जिनमें बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस शामिल नहीं हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के संजीव प्रसाद, सुनीता बलदावा और अनिंद्य भौमिक ने पहली तिमाही के आय के अनुमान में लिखा है, ‘हम मानते हैं कि हमारे विश्लेषण में शामिल कंपनियों की शुद्ध आय चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में साल भर पहले की तुलना में 22 फीसदी बढ़ेगी, लेकिन तीन महीने पहले के मुकाबले इसमें 16 फीसदी की कमी आ सकती है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकालबे जोरदार इजाफा मुख्य रूप से कोविड की दूसरी लहर के दौरान कम आधार की वजह से दिखेगा। तिमाही आधार पर अधिकांश क्षेत्रों की शुद्ध कमाई में कमी आ सकती है।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि तिमाही आधार पर कम बिक्री वृद्धि और मार्जिन पर दबाव की वजह से कमाई में सुधार कमजोर रहेगा।
आंकड़ों से संकेत मिलता है कि मुनाफे में वृद्धि मुख्य रूप से दो कंपनियों- आरआईएल और ओएनजीसी की वजह से दिखेगी क्योंकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निफ्टी कंपनियों की समेकित शुद्ध मुनाफा वृद्धि में इन दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 68 फीसदी होगी।
इसके अलावा कोल इंडिया, टाटा मोटर्स और भारती एयरटेल का भी समेकित मुनाफे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
आय की बात करें तो इसमें होने वाली वृद्धि में आधे से अधिक योगदान आरआईएल और भारत पेट्रोलियम कर सकती हैं। मगर ब्रोकरेज का अनुमान है कि टाटा स्टील और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी धातु कंपनियों की आय वृद्धि में खासी कमी आ सकती है। आईटी कंपनियों की समेकित आय में वृद्धि एकल अंक में रह सकती है। मगर धातु कंपनियों की आय दो अंक में बढ़ सकती है। पिछले दो साल के दौरान कंपनियों की आय में इन दोनों क्षेत्रों का अहम योगदान था।
इनकी तुलना में वाहन कंपनियों खास तौर पर कार विनिर्माताओं की आय पहली तिमाही में खासी बढ़ सकती है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने लिखा है, ‘बीती तीन तिमाहियों में एबिटा मार्जिन में गिरावट के बाद अप्रैल-जून तिमाही में वाहन विनिर्माताओं के मार्जिन में सुधार हो सकता है।’
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