बढ़ती मुद्रास्फीति के बाद भी, विश्लेषक यह मान रहे हैं कि भारतीय रिटेल सेक्टर तेल आय वृद्धि के कगार पर है, क्योंकि उपभोक्ता धारणा और अतिरिक्त खरीदारी फिर से सुधरकर कोविड-19 महामारी से पहले जैसे स्तरों के समान हो चुकी हैं। ऐक्सिस सिक्योरिटीज में पोर्टफोलियो प्रबंधक निशित मास्टर का कहना है, 'असंगठित से संगठित क्षेत्र को लेकर उपभोक्ताओं की पसंद में बदलाव के साथ साथ घरेलू मांग में सुधार और लोगों द्वारा घर से कार्य किए जाने की वजह से भारतीय रिटेल सेक्टर पर सकारात्मक असर दिखेगा।' शॉपिंग मॉल निचले स्तर के कस्बों और प्रमुख स्टोरों में ग्राहकों की आवाजाही में वृद्धि दर्ज कर रहे हैं, क्योंकि खपत में इजाफा हुआ है। रिटेलरों ने भी 2022-23 में स्टोरों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है, क्योंकि बिक्री सुधरकर महामारी से पूर्व के स्तरों पर आ रही है। जहां आदित्य बिड़ला फैशन ऐंड रिटेल (एबीएफआरएल) ने अपने 'लाइफस्टाइल' फॉर्मेट में करीब 400 स्टोर जोड़ने का लक्ष्य रखा है, वहीं शॉपर्स स्टॉप ने 12/13 नए डिपार्टमेंट स्टोर खोलने की योजना बनाई है। फिलिपकैपिटल के विश्लेषकों ने लिखा है, 'मॉल स्थित रिटेलरों जैसे शॉपर्स स्टॉप और पेंटालूंस वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में तेजी से बढ़ सकते हैं, क्योंकि असमान वृद्धि से तेज स्टोर विस्तार को ब़ढ़ावा मिला है। चूंकि कंपनियां कायाकल्प के जरिये अपने स्टोरों के प्रदर्शन को दमदार बनाने पर जोर दे रही हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि इसका वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में उनके सेम-स्टोर-सेल्स-ग्रोथ (एसएसएसजी) आंकड़ों पर सकारात्मक असर पड़ेगा।' आईआईएफएल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि क्विक-सर्विस रेस्टोरेंट (क्यूएसआर) कंपनियों ने 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में सालाना आधार पर शानदार एसएसएसजी दर्ज की, जिस वजह से तीन वर्षीय संपूर्ण सालाना वृद्धि दर आधार पर सभी कंपनियों के लिए एसएसएसजी मजबूत रही। आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर का कहना है, 'भले ही क्यूएसआर क्षेत्र अभी शुरुआती अवस्था में है, लेकिन हमें अल्पावधि में बिक्री धीरे धीरे तेज गति से बढ़ने की संभावना है। हम दीर्घावधि के लिहाज से जुबिलेंट फूडवर्क्स पर खरीदारी का नजरिया कायम रखे हुए हैं।' शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा में पूंजी बाजार रणनीति प्रमुख गौरव दुआ फैशन और परिधान के संदर्भ में ट्रेंट, एबीएफआरएल, और बाटा इंडिया जैसी कंपनियों पर सकारात्मक बने हुए हैं और उनका मानना है कि ये कंपनियां आगामी तिमाहियों में मजबूत घरेलू मांग की वजह से अच्छा प्रदर्शन करेंगी। मुद्रास्फीति का प्रभाव सभी सेगमेंटों पर पड़ सकता है। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का कहना है कि मालभाड़े में वृद्धि और कच्चे तेल कीमतों में वृद्धि की वजह से बिजली की लागत में इजाफा हो सकता है तथा आपूति श्रृंखला में बाधा पैदा होने से भारतीय रिटेल कंपनियों की राह मुश्किल हो सकती है। कुल मिलाकर, रिटेल शेयरों ने इस कैलेंडर वर्ष में अब तक मिश्रित प्रदर्शन दर्ज किया है। जुबिलेंट फूडवर्क्स, एबीएफआरएल, सफायर फूड्स, देवयानी इंटरनैशनल, बीबीक्यू नेशन, बाटा इंडिया, एवेन्यू सुपरमार्ट्स, और वी-मार्ट रिटेल में पिछले 6 महीनों के दौरान 7 से 32 प्रतिशत के बीच कमजोरी आई है। वहीं शॉपर्स स्टॉप, ट्रेंट और मेट्रो ब्रांड्स में समान अवधि में 1.6 से लेकर 49 प्रतिशत के दायरे में तेजी दर्ज की गई है।
