बाजारों में दो हफ्ते की बड़ी उछाल | सुंदर सेतुरामन / तिरुवनंतपुरम July 07, 2022 | | | | |
बेंचमार्क सूचकांकों में बुधवार को एक फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई क्योंकि जिंसों की घटती कीमतें, विदेशी निवेशकों की बिकवाली का दबाव कम होने और दरों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता घटने से निवेशकों की अवधारणा मजबूत हुई।
बेंचमार्क सेंसेक्स 616 अंक यानी 1.16 फीसदी उछलकर 53,751 पर बंद हुआ, जो 10 जून के बाद का सर्वोच्च स्तर है। दूसरी ओर निफ्टी 179 अंक यानी 1.1 फीसदी की बढ़त के साथ 15,990 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों के लिए यह दो हफ्ते की सबसे बड़ी एकदिवसीय बढ़त है।
मंगलवार को ब्रेंट क्रूड की घटती कीमतों ने निवेशकों को खुश कर दिया था। मंगलवार को ब्रेंट में 9.6 फीसदी की गिरावट आई थी। बुधवार को उसमें थोड़ा सुधार हुआ और करीब 110 डॉलर के आसपास रहा।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली में नरमी ने भी निवेशकों को थोड़ी राहत दी। बुधवार को एफपीआई ने महज 330 करोड़ रुपये की बिकवाली की और पिछले सत्र में वे 1,300 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे थे।
पिछले एक पखवाड़े में विदेशी फंडों की तरफ से औसत रोजाना बिकवाली घटकर 1,300 करोड़ रुपये से कम रही है, जो इससे पिछले पखवाड़े में करीब 3,500 करोड़ रुपये रही थी। इससे इक्विटी को सुधरने में मदद मिली। सेंसेक्स व निफ्टी अब 17 जून के बाद से करीब 6 फीसदी ऊपर है, जब वह 13 महीने के अपने-अपने निचले स्तर पर चले गए थे।
एफपीआई की अवधारणा में सुधार में बॉन्ड बाजार की तेजी का योगदान रहा क्योंकि जिंसों की कीमतों में नरमी से उम्मीद बंधी है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व व अन्य केंद्रीय बैंकों का रुख महंगाई से लड़ने के मामले में कम आक्रामक होगा। विश्लेषकों ने कहा कि बाजार अब फरवरी 2023 तक 3.3 फीसदी बेंचमार्क दर की उम्मीद कर रहा है, जो तीन हफ्ते पहले 3.9 फीसदी था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, एफपीआई के अनुकूल प्रवाह, वैश्विक स्तर पर तेल समेत जिंसों की घटती कीमतें और पीएमआई सेवा के मजबूत आंकड़ों के दम पर भारतीय बाजारों में मजबूती आ रही है। तेल की कीमतों में नरमी से तेल के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों मसलन एफएमसीजी, सीमेंट, पेंट और ऑटो को लेकर अवधारणा में सुधार आया है। मुंबई जैसे प्रमुख बाजारों में मजबूत मांग को देखते हुए रियल एस्टेट के शेयर भी निवेशकों के रेडार पर हैं।
हालांकि संभावित वैश्विक सुस्ती के डर ने बढ़त को सीमित कर दिया। चीन में कोविड के बढ़ते मामले और यूरोप में गैस की किल्लत चिंता का विषय बने हुए हैं।
शांघाई में कोरोना के बढ़ते मामलों ने फिर से लॉकडाउन की संभावना बढ़ी दी है। शांघाई कम्पोजिट इंडेक्स 1.4 फीसदी टूटा जबकि हेंग सेंग 1.2 फीसदी की गिरावट आई।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, वैश्विक संकेतत अभी भी मिश्रित हैं, ऐसे में हालिया सुधार पर जश्न मनाना अभी जल्दबाजी होगी। हम सतर्क रुख और सहजता वाली थीम के साथ निवेश जारी रखने की सलाह देंगे, यहां तक कि गिरावट के दौर में भी। निफ्टी में 16,200 की ओर बढ़ने की क्षमता है, हालांकि इस सुधार के टिके रहने में आय के अगले सीजन की अहम भूमिका होगी।
फेड की हालिया मौद्रिक नीति बैठक का विस्तृत ब्योरा जल्द जारी होगा, जो बाजार को संकेत देगा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक दरों पर आगे कितनी सख्ती बरतेगा।
बाजार में चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात सकारात्मक रहा और बीएसई पर 1,751 शेयर चढ़े और 1,556 शेयरों में गिरावट आई। वाहन व एफएमसीजी शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई और उनके सूचकांक बीएसई पर क्रमश: 2.7 फीसदी व 2.4 फीसदी चढ़े।
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