मिडकैप और स्मॉलकैप के कटऑफ में कमी | समी मोडक / मुंबई July 05, 2022 | | | | |
लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप क्या है? 38 लाख करोड़ वाले देसी म्युचुअल फंड उद्योग के लिए तय बाजार नियामक सेबी के फॉर्मूले के मुताबिक, 2 अरब डॉलर (16,443 करोड़ रुपये) और 6 अरब डॉलर (47,228 करोड़ रुपये) के बीच बाजार पूंजीकरण रखने वाले शेयरों को मिडकैप के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।
6 अरब डॉलर से ज्यादा बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों को लार्जकैप माना जाता है जबकि 2 अरब डॉलर से कम बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों को स्मॉलकैप की श्रेणी में रखा जाता है। जनवरी-जून 2022 के आंकड़ों के आधार पर शेयरों के पुनर्वर्गीकरण के आंकड़े उद्योग निकाय एम्फी ने सोमवार को जारी किए। सेबी के ढांचे के तहत बाजार पूंजीकरण के लिहराज से पहले 100 शेयर लार्जकैप के तौर पर पारिभाषित किए जाते हैं जबकि अगले 150 शेयर मिडकैप के तौर पर और बाकी स्मॉलकैप माने जाते हैं।
जुलाई-दिसंबर 2021 के आंकड़ों के आधार पर पिछले वर्गीकरण में मिडकैप का कटऑफ 6.42 अरब डॉलर था, जो अभी के मुकाबले 7.4 फीसदी ज्यादा है। वहीं स्मॉलकैप के लिए ऊपरी सीमा मौजूदा स्तर के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा यानी 2.4 अरब डॉलर था। यह कटऑफ सेबी की तरफ से साल 2018 में जारी वर्गीकरण के ढांचे के बाद का सर्वोच्च स्तर था।
ऊपरी सीमा में कमी जून 2020 के बाद पहली बार की गई है क्योंकि इस साल अब तक स्मॉल व मिडकैप में तेज गिरावट आई है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांकों में इस साल अब तक 24 फीसदी व 12 फीसदी की गिरावट आई है। इसकी तुलना में निफ्टी-50 में 8.8 फीसदी की फिसलन आई है।
बाजार में हालांकि कुल मिलाकर गिरावट आई है, लेकिन जिन शेयरों ने कमजोर प्रदर्शन किया वे डाउनग्रेड होकर लार्जकैप से मिडकैप में आ गए। इनमें आईडीबीआई बैंक, एचडीएफसी एएमसी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, सेल, कैडिला हेल्थकेयर, जुबिलैंट फूडवर्क्स और पीबी फिनटेक शामिल हैं। करीब एक दर्जन शेयर मिडकैप से डाउनग्रेड होकर स्मॉलकैप में आ गए हैं। उनमें सनोफी इंडिया, एप्टस वैल्यू हाउसिंग, अजंता फार्मा और हैप्पिएस्ट माइंड्स शामिल हैं।
इस साल आईपीओ लाने वाली एलआईसी और अदाणी विल्मर सीधे तौर पर लार्जकैप में शामिल हुई थी क्योंकि उनका बाजार पूंजीकरण 100 अग्रणी सूचीबद्ध फर्मों में शामिल है।
6 अरब डॉलर से ज्यादा बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों को लार्जकैप माना जाता है जबकि 2 अरब डॉलर से कम बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों को स्मॉलकैप की श्रेणी में रखा जाता है। इसी तरह वेदांत फैशंस और डेलिवरी को सूचीबद्धता के बाद मिडकैप में शामिल किया गया। अदाणी पावर, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, बैंक ऑफ बड़ौदा, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स और बंधन बैंक भी लार्जकैप में शामिल हुए, जिसकी वजह साल के पहले छह महीने में उनका उम्दा प्रदर्शन है।
हालिया पुनर्वर्गीकरण के बाद इक्विटी योजनाओं को एक महीने में अपने पोर्टफोलियो को दुरुस्त करना होगा। हालांकि पैसिव फंडों के उलट सक्रियता से प्रबंधित योजनाओं के पास निवेश दायरे के बाहर शेयर में निवेशित रहने की गुंजाइश है। दूसरे शब्दों में लार्जकैप संकेंद्रित सक्रियता से प्रबंधित इक्विटी योजनाओं को अनिवार्य रूप से उन शेयरों को नहीं बेचना होगा, अगर वे लार्जकैप का अब हिस्सा नहीं हैं।
मई 2022 के आखिर में लार्जकैप फंडों की श्रेणी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 2.2 लाख करोड़ रुपये, मिडकैप फंडों का एयूएम 1.55 लाख करोड़ रुपये और स्मॉलकैप फंडों का एयूएम 1 लाख करोड़ रुपये का था। इसके अलावा मल्टीकैप, फ्लेक्सीकैप और लार्ज ऐंड मिडकैप का संयुक्त एयूएम 3.8 लाख करोड़ रुपये था
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