एमएफआई के लाभ में सुधार के आसार | अभिजित लेले / मुंबई July 04, 2022 | | | | |
नए नियामकीय ढांचे के तहत कर्ज की प्राइसिंग में बढ़े लचीलेपन और उधारी की लागत कम होने के कारण सूक्ष्म वित्त कंपनियों (एनबीएफसी-एमएफआई) के रूप में काम कर रहीं गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का मुनाफा बढ़ने की संभावना है। क्रिसिल रेटिंग के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ने के कारण वित्त वर्ष 2023 में इनके लोन बुक में 25-30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
माइक्रोफाइनैंस के लिए नए नियामकीय ढांचे के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उधारी दर पर ब्याज मुनाफे की सीमा खत्म कर दी है। इसके अलावा उधारी की लागत में कमी और परिवार की आय सीमा में बढ़ोतरी जैसे कदमों से मुनाफे में सुधार होगा। क्रिसिल ने एक बयान में कहा कि इसकी वजह से लक्षित उधारी लेने वालों और भौगोलिक क्षेत्र को व्यापक बनाने में मदद मिलेगी और खासकर दूरस्थ इलाकों तक एमएफआई की पहुंच होगी।
क्रिसिल रेटिंग में सीनियर डायरेक्टर और डिप्टी चीफ रेटिंग ऑफिसर कृष्णन सीतारमण ने कहा कि कई एनबीएफसी-एमएफआई ने अपनी उधारी की दरों में 150 से 250 आधार अंक की बढ़ोतरी हाल के महीनों में की है।
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