निर्यात नरम, व्यापार घाटा बढ़ा | असित रंजन मिश्र / नई दिल्ली July 04, 2022 | | | | |
निर्यात की कमजोर मांग और सोना, कोयला तथा कच्चे तेल का आयात बढ़ने से जून महीने में देश का व्यापार घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 25.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से आज जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
देश हमेशा ही कच्चे तेल के आयात पर निर्भर रहा है और जून में इसका आयात 94.2 फीसदी बढ़कर 20.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसके साथ ही शेयर बाजार में गिरावट के बीच सोने की मांग बढ़ने से जून में इसका आयात 169 फीसदी बढ़कर 2.6 अरब डॉलर हो गया। देश में कोयला उत्पादन में कमी के कारण सरकार ने बिजली उत्पादक कंपनियों को देसी कोयले में कम से कम 10 फीसदी आयातित कोयला मिलाने का निर्देश दिया था, जिससे कोयले का आयात 248 फीसदी बढ़कर 6.4 अरब डॉलर रहा।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मई की तुलना में निर्यात कम होने और सोने से इतर आयात बढ़ने के बीच व्यापार घाटे में वृद्धि चिंता का सबब है। उन्होंने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में व्यापार घाटा लगातार बढ़ा है। ऐसे में वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा दोगुना होकर 30 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इससे पिछली तिमाही में यह 13 अरब डॉलर था। हालांकि सेवाओं के निर्यात में तेजी से कुछ हद तक इसकी भरपाई हो सकती है। हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा 100 से 105 अरब डॉलर के दायरे में रह सकता है।’ विदेशी पार्टफोलियो निवेशकों द्वारा शेयरों की बिकवाली और बढ़ता व्यापार घाटा रुपये पर दबाव डाल रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया 79 के पार पहुंच गया है। जून में इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात में 1.6 फीसदी और फार्मास्युटिकल उत्पादों के निर्यात में 1.3 फीसदी गिरावट आई है। पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 89 फीसदी बढ़ा है। इसी तरह आभूषण के निर्यात में 19.4 फीसदी, रेडीमेड परिधान के निर्यात में 44.7 फीसदी इजाफा हुआ है।
भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसके साथ ही भू-राजनीतिक तनाव, जिंसों की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव, मालवहन लागत में बढ़ोतरी से भी चिंता बनी हुई है।
वित्त मंत्रालय ने इसी शुक्रवार को पेट्रोल के निर्यात पर 6 रुपये और डीजल निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर उपकर लगा दिया। विमानन ईंधन के निर्यात पर भी विशेष कर लगाया गया है। इस कदम का मकसद घरेलू बाजार में ईंधन की आपूर्ति बढ़ाना, व्यापार घाटा कम करना और अतिरिक्त राजस्व जुटाना है।
वित्त मंत्रालय ने सोने का आयात घटाने के लिए इस पर आयात शुल्क 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है।
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