एफएमपी योजनाएं पेश करने पर जोर | चिराग मडिया / मुंबई July 04, 2022 | | | | |
बॉन्ड प्रतिफल में बदलाव से निर्धारित परिपक्वता वाली योजनाओं (एफएमपी) पेश किए जाने की होड में तेजी आई है। एफएमपी ऐसी योजनाएं होती हें जो निर्धारित परिपक्वता वाली डेट प्रतिभूतियों में निवेश करती हैं।
शुक्रवार को 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड (जी-सेक) पर प्रतिफल 7.42 प्रतिशत पर बंद हुआ। पिछले 6 महीनों में जी-सेक पर पर प्रतिफल करीब 100 आधार अंक तक बढ़ा है।
कोटक एमएफ और यूनियन एमएफ ने हाल के सप्ताहों में एफएमपी पेश करने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपने दस्तावेज सौंपे हैं। इस उद्योग की कंपनियों का कहना है कि कई और फंड हाउस इस राह पर आगे बढ़ सकते हैं।
यूनियन ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी जी प्रदीपकुमार का कहना है, 'पिछले कुछ सप्ताहों में, हमने यह महससू किया कि डेट पत्रों पर प्रतिफल तेजी से बढ़ा है। हमारा मानना है कि बढ़ते प्रतिफल के साथ निवेशकों को ऊंची दरों के साथ निवेश करना उपयुक्त होगा और यही वजह है कि हमने एफएमपी पेश करने के लिए बाजार नियामक के समक्ष ऑफर दस्तावेज पेश किए हैं। यदि दरें लगातार बढ़ती हैं, तो हम भविष्य में अन्य सीरीज के साथ भी आगे आ सकते हैं।'
जब निवेशकों में बेहद लोकप्रिय निवेश योजनाएं मौजूद थीं, तो वर्ष 2018 के बाद से डेट योजनाओं का आकर्षण कमजोर पड़ गया था। हालांकि कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ फंड हाउस फिर से निवेशकों के लिए ऐसी योजनाएं पेश करने की योजना बना रहे हैं।
बाजार कारोबारियों के अनुसार, एफएमजी की खासियत है कि ये सावधि जमाओं के समान हैं और इसलिए सामान्य तौर पर निवेशकों को लुभाती हैं। एफएमपी कीअवधि कुछ महीनों से लेकर कुछ वर्ष के बीच अलग अलग हो सकती है और कई योजनाएं कर लाभ से जुड़ी होती हैं। एफएमपी का प्रतिफल पिछले कुछ महीनों में आकर्षक हो गया है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़े से पता चलता है कि औसत एफएमपी ने पिछले तीन महीनों में 1.1 प्रतिशत का प्रतिशत दिया जो पूरे उद्योग में में सर्वाधिक थ। जहां पिछले एक साल की अवधि में इन योजनाओं का प्रतिफल 3.84 प्रतिशत रहा, जो ओवरनाइट, लिक्विड, मनी मार्केट और अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन जैसी अन्य श्रेणियों के मुकाबले ज्यादा था।
इस उद्योग में अन्य अधिकारियों का कहना है, 'एफएमपी से मौजूदा ऊंचे प्रतिफल में दांव लगाने और प्रतिफल की संभावना बढ़ाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि ये परिपक्वता तक निवेश की खरीदारी करती हैं और बनाए रखती हैं। '
निवेशकों के रेडार पर सीमेंट शेयर
आकर्षक मूल्यांकन, उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी और बढ़त के सुधरे हुए परिदृश्य के कारण सीमेंट कंपनियों के शेयर निवेशकों के रेडार पर फिर से आ गए हैं। विश्लेषकों के मुताबिक, बुनियादी ढांचे पर निवेश को लेकर सरकार का ध्यान बने रहने और शहरी इलाकों में मांग से सीमेंट की आवश्यकता बढ़ने की उम्मीद है। पिछले 5-6 महीने में कुछ शेयर 30 से 45 फीसदी तक टूटे हैं, लेकिन अब वे अपने-अपने ऐतिहासिक औसत से नीचे कारोबार कर रहे हैं। अल्ट्राटेक, श्री सीमेंट, डालमिया भारत और जेके लक्ष्मी सीमेंट पर विश्लेषकों का नजरिया सकारात्मक है। बीएस
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